
खरगोन, 11 दिसंबर (Udaipur Kiran) । खरगोन जिले के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा का निधन हो गया है। उन्होंने सुबह 6 बजे भट्टयान बुजुर्ग आश्रम में अंतिम सांस ली। वे 110 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बाबा के निधन से प्रदेश में शोक की लहर है। उनका अंतिम संस्कार शाम 4 बजे नर्मदा नदी के किनारे भट्टयान के तट पर किया जाएगा। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होंगे। बाबा सियाराम, हनुमान जी के परम भक्त थे और हमेशा रामायण का पाठ करते थे।
संत सियाराम बाबा ने बुधवार काे मोक्षदा एकादशी पर सुबह 6.10 मिनट पर प्रभुमिलन हाे गए। बाबा पिछले 10 दिन से बीमार थे। इंदौर के डॉक्टरों ने भी उनका इलाज किया था। मूलतः गुजरात के बाबा यहां कई सालों से नर्मदा भक्ति कर रहे थे। उनके निधन की खबर मिलते ही देशभर में उनके अनुयायियाें में शाेक की लहर है। आश्रम में सियाराम बाबा के अंतिम दर्शन को लोगों की भीड़ लगी है। कुछ दिनों पहले बाबा को निमोनिया की शिकायत पर सनावद के निजी अस्पताल में भर्ती किया था। इसके बाद बाबा की इच्छानुसार उनका आश्रम में ही जिला चिकित्सालय और कसरावद के डॉक्टर भी इलाज कर रहे थे। पिछले दिनों ही उनके निधन की अफवाह फैली थी। प्रशासन ने उस समय ऐसी अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की थी।
बता दें कि सियाराम बाबा अपनी दिनचर्या में लगातार रामायण पाठ करते रहते थे। भक्तों के अनुसार वे 21 घंटों तक रामायण का पाठ करते थे। उन्हें चश्मा भी नहीं लगा था। भक्तों के अनुसार उन्होंने सियाराम बाबा को हमेशा लंगोट में ही देखा है। सर्दी, गर्मी या बरसात वे लंगोट के अलावा कोई कपड़े नहीं पहनते थे।आश्रम पर मौजूद अन्य सेवादारों ने बताया कि उनकी दिनचर्या भगवान राम व मां नर्मदा की भक्ति से शुरू होकर यही खत्म होती थी। बाबा प्रतिदिन रामायण पाठ का पाठ करते और आश्रम पर आने वाले श्रद्धालुओं को स्वयं के हाथों से बनी चाय प्रसादी के रूप में वितरित करते थे।
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे
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