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खंडेलवाल ने वाणिज्‍य मंत्री के अमेजन को लेकर उठाए गए सवाल की तारीफ की

कैट के राष्ट्रीाय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल का फाइल फोटो

नई दिल्‍ली, 21 अगस्‍त (Udaipur Kiran) । कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बुधवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन पर उठाए गए सवाल की तारीफ की है।

कैट महामंत्री खंडेलवाल ने पीयूष गोयल के द्वारा अमेजन निवेश को घाटे की पूर्ति के लिए धन के रूप में वर्णित किए जाने वाले बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बयान स्वयं में विदेशी कंपनियों के भारत में कार्य करने के तरीके को दर्शाता है, जो भारत को ‘एक बनाना रिपब्लिक’ की तरह मानती हैं।

सांसद खंडेलवाल ने पीयूष गोयल की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने विदेशी कंपनियों द्वारा भारतीय बाजार पर कब्जा करने के लिए अस्वस्थ और असमान प्रतिस्पर्धा पैदा करने की विधि को उजागर किया है। उन्‍होंने कहा कि भारत में विदेशी निवेश की जांच की जानी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे स्थानीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक योगदान दें और केवल उन संचालन को बनाए रखने के लिए सेवा न करें जो अभी तक लाभदायक नहीं हैं। उन्‍होंने कहा कि यह दृष्टिकोण इस बात को रेखांकित करता है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को टिकाऊ व्यावसायिक प्रथाओं के साथ संतुलित किया जाना चाहिए जो घरेलू बाजार के लिए लाभकारी हों।

कैट महामंत्री खंडेलवाल ने कहा कि वाणिज्‍य मंत्री का यह बयान ई-कॉमर्स निवेशों की जटिलताओं को सरल कर देता है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि वैश्विक कंपनियां, जैसे कि अमेजन, अक्सर मजबूत बाजार उपस्थिति स्थापित करने के लिए भारी निवेश करती हैं, जो कि अपवित्र मूल्य निर्धारण, घाटे की पूर्ति, और इन्वेंटरी रखने में शामिल हैं, ये सरकार की एफडीआई नीति का उल्लंघन है। उन्हाेंने कहा कि यह बयान भारत की अर्थव्यवस्था में एफडीआई की भूमिका के बारे में चल रही बहस को उजागर करता है। ऐसे नीतियों की आवश्यकता पर बल देता है जो वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करें और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करें।

उल्‍लेखनीय है कि वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में पहले इंडिया फाउंडेशन की ओर से ‘भारत में रोजगार और उपभोक्ता कल्याण पर ई-कॉमर्स का शुद्ध प्रभाव’ पर एक रिपोर्ट लॉन्‍च करने के बाद अमेजन के भारत में 6 हजार करोड़ रुपये के घाटे पर सवाल उठाया। उन्होंने संकेत दिया कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बाजार बिगाड़ने वाली मूल्य निर्धारण नीतियां अपनाती हैं और इससे छोटे खुदरा विक्रेताओं पर प्रभाव पड़ता है। गोयल ने कहा कि कानूनी रूप से अनुमति नहीं होने के बावजूद अमेजन उपभोक्ता ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के रूप में काम रहा है।

(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर / रामानुज

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