Uttar Pradesh

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच से खादी का काम बढ़ा

Khadi jacket shirts

लखनऊ, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । उप्र खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के वरिष्ठ संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी एनपी मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात में खादी को बढ़ावा देने के लिए की अपील कर प्रसन्नता जाहिर की। एनपी मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच एवं अपील से लगातार खादी का काम बढ़ा है। खादी ने रेडिमेड गारमेंट के क्षेत्र में भी कदम रखा है। बाजार में अपनी संस्थाएं रेडिमेड पैंट, शर्ट, कुर्ती सबकुछ बनाकर प्रस्तुत कर रही हैं।

वरिष्ठ संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी एनपी मौर्य ने कहा कि वैसे तो खादी की पहचान पुरानी वाली ही है। खादी अपने छपाई, बुनाई से पहचानी जाती है। पहले के जैसे ही रंग वाली छपाई देखकर लोग पहचान जाते है, ये तो खादी का कपड़ा है। गांधीवादी विचारधारा वाले लोग तो कभी खादी छोड़े ही नहीं हैं। खादी के कपड़े उनकी पहली पसंद रहे हैं। अब खादी नये उम्र के बच्चों को भी आकर्षित कर रही है।

एनपी मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री की अपील के बाद खादी को नये दौर के फैशन से जोड़ा गया है। रेडिमेड गारमेंट के क्षेत्र में खादी ने नये रंग रुप में प्रवेश किया है। इसमें खादी का कपड़ा अपने देश से लेकर दूसरे देशों तक जा रहा है। खादी आनलाइन बिक रही है, ये बड़ी उपलब्धी है। अमेजान और फ्लीपकार्ट के माध्यम से खादी की खरीदारी हो रही है।

सरकार से खादी से जुड़ी संस्थाओं को सुविधाओं पर उन्होंने कहा कि खादी के काम से जुड़े गांधी आश्रम की संस्थाओं को सरकारी मदद की बेहद आवश्कता है। इसके लिए 19 जुलाई को एक बैठक भी हुई थी। संस्थाओं ने अपनी बातों को रखा था। आजकल बाराबंकी के गांधी आश्रम में कपड़ों की रंगाई बुनाई हो रही है, वहां बेहतर काम हो रहा है। रायबरेली में भारत सरकार का अकेला प्लांट है, जहां रुई से पोली पर काम होता आया है। अभी प्रदेश में कुछ और भी बेहतर व्यवस्थाएं खड़ी हो सकती हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक विद्यालयों में कुछ जनपदों के भीतर खादी के कपड़ों की ड्रेस स्पलाइ का काम मिला था। इसे कुछ वक्त के बाद बंद कर दिया गया। अब तो स्कूल ड्रेस का धन अभिभावकों को भेजा जाता है। लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में खादी के कपड़ें बेचने वाली दुकानों को बेहतर बनाने के लिए नयी योजनाएं लानी चाहिए। जिससे रोजगार बढ़े, खादी के कदम और भी बढ़े, यहां के कर्मचारी खुशहाल हो।

(Udaipur Kiran) / शरद चंद्र बाजपेयी / बृजनंदन यादव

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