लखनऊ, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी पीसीएस परीक्षा को लेकर छात्रों की मांग का समर्थन किया है। उप मुख्यमंत्री ने मंगलवार अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा कि
यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं। छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, भाजपा सरकार ने 2017 से भर्ती माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाकर निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की है। लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें। यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे। न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान निकाला जाए ताकि किसी छात्र का भविष्य अंधकार में न रहे।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को छात्रों के मुद्दों पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें अपने शासनकाल में हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार को याद रखना चाहिए। पुलिस अधिकारी संयमित व्यवहार करें और छात्रों पर बल प्रयोग न हो। प्रतियोगी छात्रों से अनुरोध है कि वे अपनी समस्याओं को शांतिपूर्ण तरीके से उठाएँ और सपा की राजनीति का शिकार न बनें। आपकी न्याय की लड़ाई में सरकार और मैं सदैव आपके साथ हूँ। 2012 से 2017 तक सपा सरकार में क्या क्या हुआ था यह पूरा प्रदेश जानता है।
विदित हो कि सोमवार को प्रयागराज में यूपीएससी परीक्षा के बदलाव के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज के बाद सपा अध्यक्ष ने सरकार की कड़ी आलोचना की थी।
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(Udaipur Kiran) / बृजनंदन