
– कार्पोरेट संस्कृति, सूचना प्रौद्योगिकी और नवाचार से करें सोसायटियों का सुदृढ़ीकरणः मुख्यमंत्री
भोपाल, 8 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। प्रदेश में सहकारिता की पहुंच बढ़ाने और सतत विकास में सहकारिता के योगदान के लिए ग्राम और वार्ड स्तर पर गतिविधियों का संचालन किया जाए। सहकारी सोसायटियों के सुदृढ़ीकरण के लिए नवाचार और सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देते हुए सहकारिता के सेट-अप में कार्पोरेट संस्कृति को विकसित करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज्ञान पर ध्यान के मंत्र को साकार करने और विकसित भारत के लिए भावी पीढ़ी की सहकारिता का आधार तैयार करने के उद्देश्य से गतिविधियां संचालित की जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को मंत्रालय में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय शीर्ष समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से छूटे किसानों को चिन्हित कर उन्हें सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राजस्व, किसान कल्याण तथा एवं विकास, पशुपालन एवं डेयरी और मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग समन्वित रूप से गतिविधियां संचालित करें। पैक्स के सशक्तिकरण और उन्हें अधिक समर्थ और सक्षम बनाने के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय से कार्य किया जाए। शासकीय योजनाओं के कन्वर्जेंस में पैक्स के सदस्यों को प्राथमिकता दी जाए।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा भारत सरकार की पहल पर वर्ष-2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है। सहकारिताएं एक बेहतर दुनिया का निर्माण करती हैं इसकी थीम है, जो वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सहकारी मॉडल की प्रभावशीलता को दर्शाती है। साथ ही यह वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को लागू करने के प्रयासों में सहकारिता के योगदान पर भी प्रकाश डालती है।
(Udaipur Kiran) तोमर
