नई दिल्ली, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सह-आरोपित कौसर इमाम सिद्दीकी को जमानत दे दी है। स्पेशल जज जीतेंद्र सिंह ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने कौसर इमाम सिद्दीकी को एक लाख रुपये के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले के सह-आरोपित जावेद इमाम सिद्दकी को जमानत देते समय हाई कोर्ट ने जो शर्तें लगाई थीं वही शर्तें कौसर इमाम सिद्दीकी पर भी लागू होंगी। कोर्ट ने कौसर इमाम को कोर्ट की अनुमति के बिना दिल्ली-एनसीआर के बाहर नहीं जाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कौसर इमाम सिद्दीकी को अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कौसर इमाम सिद्दीकी को साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने 23 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान कौसर इमाम सिद्दीकी की ओर से पेश वकील हेमंत शाह, अक्षय राणा और सौरभ पाल ने कहा था कि आरोपित की ये दूसरी जमानत याचिका है। आरोपित लंबे समय से जेल में है। ये संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। कौसर इमाम सिद्दीकी की ओर से कहा गया था कि इस मामले के एक सह-आरोपित जावेद इमाम सिद्दीकी को हाई कोर्ट जमानत दे चुका है। ऐसे में समानता के अधिकार के तहत कौसर इमाम सिद्दीकी को जमानत दी जानी चाहिए।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 14 नवंबर को जावेद इमाम सिद्दीकी को जमानत दी थी। 14 नवंबर को ही राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान को रिहा करने का आदेश दिया था लेकिन अमानतुल्लाह खान के बेल बांड का वेरिफिकेशन नहीं होने की वजह से रिहाई नहीं हो पाई। ईडी ने 2 सितंबर को अमानतुल्लाह को गिरफ्तार किया था। ईडी के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ियों में अमानतुल्लाह खान ही मुख्य आरोपित है। इस मामले में चार लोग पहले गिरफ्तार किए जा चुके हैं जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं। अमानतुल्लाह ने आपराधिक गतिविधियों से काफी संपत्ति अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी है। ईडी के मुताबिक छापे के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य ऐसे मिले हैं जिनसे पता चलता है कि वो मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में लिप्त हैं।
(Udaipur Kiran) / संजय
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(Udaipur Kiran) / पवन कुमार