
नई दिल्ली, 14 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देशभर के व्यापारियों और नागरिकों से आर्थिक राष्ट्रवाद को अपनाने का आह्वान किया है। कारोबारी संगठन ने व्यापारियों से भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता देने और उपभोक्ताओं से देशी वस्तुओं तथा स्थानीय उद्योगों को समर्थन देने की अपील की है। इसका मकसद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ एवं ‘मेड इन इंडिया’ विजन को मजबूती देना है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस अभियान से राष्ट्र की अर्थव्यवस्था और संप्रभुता को मजबूती मिलेगी। इसके जरिए प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को देश के कोने-कोने में सुदृढ़ किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक राष्ट्रवाद आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। हर भारतीय को एकजुट होकर भारतीय वस्तुओं और व्यवसायों का समर्थन करना चाहिए। इस मुहिम में 9 करोड़ से ज्यादा व्यापारी अपना बहुमूल्य योगदान देंगे।
खंडेलवाल ने एक मजबूत आर्थिक नींव की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि आर्थिक राष्ट्रवाद आज की सबसे बड़ी जरूरत है। हर भारतीय को एकजुट होकर भारतीय वस्तुओं और व्यवसायों का समर्थन करना चाहिए। यह केवल व्यापार का विषय नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय गौरव, आर्थिक मजबूती और रणनीतिक आत्मनिर्भरता से जुड़ा मुद्दा है। इस राह पर सभी को साथ लेकर चलना होगा। सांसद खंडेलवाल ने कहा कि विदेशी फंडिंग वाली ई-कॉमर्स कंपनियां तथा क्विक कॉमर्स प्लेटफार्म ब्रांड्स के साथ मिलकर भारतीय बाजार में विदेशी और नकली उत्पादों की भरमार कर रही हैं, जिससे देश का खुदरा व्यापार ढांचा बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कैट लंबे समय से घरेलू उद्यमिता के पक्ष में खड़ा रहा है और विदेशी—विशेष रूप से चीनी—उत्पादों पर निर्भरता को कम करने की निरंतर वकालत करता रहा है। वर्षों से संगठन ने देशव्यापी अभियानों का नेतृत्व किया है, जिनमें चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान प्रमुख रहा है और जिसका असर पूरे देश में देखने को मिला है। वर्तमान टैरिफ युद्ध में चीन अपना सामान भारत में थोपने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत के व्यापारी एवं लघु उद्योग चीन के मंसूबों को सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि देशभर में फैले 9 करोड़ से अधिक व्यापारियों के व्यापक नेटवर्क के साथ कैट जन जागरुकता अभियानों, संपर्क कार्यक्रमों और जमीनी स्तर पर लोगों की भागीदारी के जरिए आत्मनिर्भर, टिकाऊ और राष्ट्रीय हितों पर आधारित एक नए आर्थिक ढांचे के निर्माण के लिए अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
