जोधपुर, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । श्री साधुमार्गी जैन परम्परा के राष्ट्रीय सन्त आचार्य रामेश की प्रेरणा से उनके सान्निध्य में देश भर में निरन्तर सांसारिक आत्माएं सांसारिक जीवन त्याग कर साधु जीवन अपनाने को अग्रसर होती जा रही है। इसी कड़ी में आचार्य रामेश ने अपने मुखारबिंद से करेमि भंते के पाठ से मारवाड़ की धर्म नगरी जोधपुर के शेरगढ़ तहसील के केतु कलां गांव की बेटी मुमुक्षु करुणा गुलेच्छा के साथ अन्य पांच और चारित्र आत्माओं को दीक्षा प्रदान की।
श्री साधुमार्गी जैन संघ के महामन्त्री सुरेश सांखला ने बताया कि इन 6 दीक्षार्थियों में केतु कलां की करुणा गुलेच्छा का नामकरण नवदीक्षिता रामकीर्तिश्री महाराज, शेरगढ़ की ही प्रवासी हाल छत्तीसगढ़ के अटरिया रोड की निवासी रही मुमुक्षु काजल नाहटा का नाम रामकेतुश्री महाराज, मुमुक्षु भाई वीरांश पितलिया, हैदराबाद का नाम रामवीर मुनि महाराज, मुमुक्षु संगीता पितलिया, हैदराबाद का नाम रामसेवाश्री महाराज, मुमुक्षु निमिषा मांडोत, पानेठा सूरत का नाम रामनेमीश्री महाराज, मुमुक्षु जिया कोठारी, बैंगलोर का नाम रामज्योतिश्री महाराज के नाम से नामकरण किया। इस अवसर पर आचार्य रामेश ने कहा कि साधुता मोक्ष का प्रवेश द्वार है। सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक चारित्र ये तीनों मिलकर मोक्ष का मार्ग है। साधुता में आज भवी आत्माएं प्रवेश कर चुकी है। मुमुक्षु भाई बहन आज साधना के पथ पर आरूढ़ हो रहे हैं। यह दीक्षा प्रसंग सभी जनों में संयम की प्रेरणा जागृत करे। दीक्षा कार्यक्रम के पूर्व सभी चारित्र आत्माओं का संघ द्वारा अभिनन्दन भी किया गया। इस अवसर पर उपाध्याय प्रवर राजेश मुनि महाराज एवं साधु साध्वीजन बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सभा का संचालन राष्ट्रीय प्रवक्ता महेश नाहटा द्वारा किया गया।
(Udaipur Kiran) / सतीश