नई दिल्ली, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के पावर टीवी के पास उचित लाइसेंस न होने के आधार पर प्रसारण रोकने के कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश पर लगी रोक 22 जुलाई तक बढ़ा दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।
आज केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी विक्रमजीत बनर्जी ने कहा कि इस मामले पर दलीलें रखने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता विदेश में हैं। उसके बाद कोर्ट ने 22 जुलाई तक सुनवाई टालते हुए पावर टीवी का प्रसारण रोकने का आदेश देने के कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश पर लगी रोक 22 जुलाई तक बढ़ा दी। पावर टीवी ने जेडीएस नेताओं प्रज्वल और सूरज रेवन्ना के खिलाफ सेक्स स्कैंडल का वीडियो दिखाया था।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 12 जुलाई को सुनवाई के दौरान कहा था कि यह राजनीतिक प्रतिशोध के अलावा और कुछ नहीं है। ऐसा लगता है कि सरकार का उद्देश्य चैनल की आवाज को पूरी तरह से दबा देना था। जबकि सरकार का कर्तव्य है कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करे। पावर टीवी के प्रसारण पर यह कहकर रोक लगा दी गई थी कि उसके पास वैध लाइसेंस नहीं है।
(Udaipur Kiran) / संजय
(Udaipur Kiran) पाश / सुनीत निगम