HEADLINES

कर्मकार बोर्ड ने सरकार की अनुमति के बिना खर्च कर दिए 607 करोड़ रुपये, कैग रिपोर्ट में खुलासा

महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट

देहरादून, 21 फरवरी (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड कर्मकार बोर्ड में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि बोर्ड ने 2017-18 और 2021-22 में सरकार की अनुमति के बिना 607.09 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। इस दौरान साइकिल खरीद, टूल किट वितरण, कोविड राहत राशन और अन्य योजनाओं में गड़बड़ी हुई।

कैग रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 में कोविड काल के दौरान बोर्ड ने 9.36 करोड़ रुपये की राशन किट ऐसे लोगों को बांट दी, जो पंजीकृत श्रमिक नहीं थे। इसके अलावा, 53.58 करोड़ रुपये की राशन किट खरीद में अनियमितताएं पाई गईं।

बोर्ड ने प्रसूति योजनाओं में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को दरकिनार कर दिया और 215 करोड़ रुपये की राशि 5,47,274 गैर-पंजीकृत श्रमिकों में वितरित कर दी। इतना ही नहीं, श्रमिक महिलाओं को मातृत्व लाभ योजना के तहत तय 10 हजार रुपये की जगह 25 हजार रुपये तक दिए गए। श्रमिकों की बेटियों के विवाह सहायता राशि भी नियमों के विपरीत 51 हजार की जगह 1 से 2 लाख रुपये तक दे दी गई। वर्ष 2018 से 2021 के बीच इस मद में 7.19 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

बोर्ड के अधिकारियों ने एक आईटी कंपनी से 83,560 साइकिलें 32.78 करोड़ रुपये में खरीदीं, लेकिन उनका कोई हिसाब नहीं दे पाए। ये साइकिलें देहरादून और उधमसिंहनगर के लिए खरीदी गई थीं। इसी तरह, टूल किट वितरण में भी गड़बड़ी सामने आई। टीसीआईएल कंपनी से 33.23 करोड़ रुपये की 22,426 टूल किटें खरीदी गईं, लेकिन केवल 171 का ही वितरण दर्ज किया गया, बाकी 22,255 टूल किटों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।

कैग रिपोर्ट आने के बाद अब सवाल यह है कि सरकार इस पर क्या कार्रवाई करती है।

(Udaipur Kiran) / Vinod Pokhriyal

Most Popular

To Top