नई दिल्ली, 14 फरवरी (Udaipur Kiran) । दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन और दूसरे आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई के दौरान एक आरोपी की ओर से पेश होने वाले वकील महमूद प्राचा के टहलते हुए और कार में चलते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई में शामिल होने पर कड़ी आपत्ति जताई। एडिशनल सेशंस जज पुलस्त्य प्रमाचल ने महमूद प्राचा के इस व्यवहार को गैर-पेशेवर तरीका करार दिया।
दरअसल इस मामले के आरोपी अनस की ओर से पेश वकील सिकन्दर ने कोर्ट को बताया कि आरोपी के मुख्य वकील महमूद प्राचा एक दूसरे मामले में क्रास-एग्जामिनेशन में व्यस्त हैं जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने रोजाना सुनवाई करने का आदेश दे रखा है। तब कोर्ट ने वकील सिकन्दर से कहा कि आप वकील महमूद प्राचा को बताएं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मतलब ये नहीं है कि इस मामले में उनकी जिम्मेदारी खत्म हो गई। अगर वे नहीं आएंगे तो क्रास-एग्जामिनेशन का जुर्माने के साथ एक और अंतिम अवसर दिया जाएगा। उसके बाद महमूद प्राचा मोबाइल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए और किसी खुले स्थान पर टहलते नजर आए। कुछ देर बाद वे चलती कार में बैठे नजर आए। इस पर कोर्ट ने गैर-पेशेवर व्यवहार करार देते हुए आपत्ति जताई तो महमूद प्राचा ने आधे घंटे का समय देने की मांग की। लेकिन कोर्ट ने इस मांग को नामंजूर करते हुए अगली सुनवाई पर अभियोजन पक्ष के गवाह को दो हजार रुपये जुर्माने के तौर पर देने का निर्देश दिया।
इस मामले में कोर्ट ने ताहिर हुसैन के अलावा जिन आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था उनमें अनस, फिरोज, जावेद, गुलफाम और शोएब शामिल हैं। कोर्ट ने इन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 147, 148, 149, 427, 435, 436 और 395 के तहत आरोप तय किए गए हैं। कोर्ट ने ताहिर हुसैन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की एक और धारा 109 के तहत भी आरोप तय करने का आदेश दिया।
मामला खजूरी खास थाने के अंतर्गत एक कंपनी के गोदाम में चोरी, तोड़फोड़ और आगजनी आदि के आरोपों से जुड़ा है। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों ने दूसरे धर्म के लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का काम किया। ताहिर हुसैन के घर से पत्थर, पेट्रोल बम इत्यादि फेंके गए थे। पुलिस ने शिकायतकर्ता करण की शिकायत पर एफआईआर दर्ज किया था। 27 फरवरी 2020 को ताहिर हुसैन के घर से 50-60 मीटर की दूरी पर घटना घटी थी। जांच के दौरान एसआईटी ने पाया कि ताहिर हुसैन के घर का इस्तेमाल दंगाईयों ने किया था जहां से ताहिर हुसैन समेत दूसरे आरोपियों ने पत्थरों और पेट्रोल बमों से हमला किया था।
बता दें कि ताहिर हुसैन के खिलाफ दिल्ली हिंसा के मामले में कई एफआईआर दर्ज किए गए हैं। ताहिर हुसैन के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के मामले में भी एफआईआर दर्ज किया गया है। फरवरी 2020 में दिल्ली में हुई हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
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