देहरादून, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । 25वां कारगिल विजय दिवस शनिवार को थिमैया ऑडिटोरियम में धूमधाम से मनाया गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने कारगिल विजय दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला और ऑपरेशन विजय के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
राज्यपाल ने सेना व और उत्तराखंड राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डाला। उन्होंने युद्ध नायकों के सर्वोच्च बलिदान को याद किया और दर्शकों से उनकी विरासत को बनाए रखने का आह्वान किया। उनके आदर्श वाक्यों ने उपस्थित लोगों की सम्मान, कर्तव्य और देशभक्ति के भावों को मजबूत आधार दिया। कारगिल विजय दिवस का यह समारोह बहादुर सैनिकों के बलिदानों और सम्मान, कर्तव्य और देशभक्ति के मूल्यों को और समृद्ध करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की स्थायी भावना की याद दिलाता है।
समारोह की शुरुआत मनमोहक सैन्य बैंड सिम्फनी के साथ हुई। इसमें गढ़वाल रेजिमेंटल सेंटर, कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर और बंगाल इंजीनियर्स ग्रुप एंड सेंटर के प्रसिद्ध बैंडों ने प्रदर्शन किया। सैन्य बैंड ने देशभक्ति की गहरी भावना से ओत-प्रोत संगीत धुन बजाई। इससे इस प्रेरणादायक अवसर की शुरुआत हुई। इन प्रदर्शनों ने युवा पीढ़ी को प्रेरित करने और सशस्त्र बलों के लिए गर्व और सम्मान की भावना पैदा करने का काम किया।
बहादुरी और बलिदान का सम्मान
समारोह में उत्तराखंड की 20 ‘वीर नारियों’ को उनकी अटूट हिम्मत और सहनशीलता के लिए सम्मानित किया गया और ऑपरेशन विजय के तीन वीरता पुरस्कार विजेताओं की वीरता की सराहना की गई। कर्तव्य की पंक्ति में शहीद हुए लोगों की असाधारण बहादुरी और बलिदान का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में सेवारत और सेवानिवृत्त दोनों वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने भाग लिया। सैनिकों और उनके परिवारों ने भी इस समारोह को देखा, जिससे एकता और सम्मान का माहौल बना।
(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण / वीरेन्द्र सिंह