शिमला, 07 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने शुक्रवार को संसद में हिमाचल प्रदेश में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत सामाजिक रूप से वंचित समूहों को वैतनिक रोजगार देने के मुद्दे को उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या वह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति सहित वंचित वर्गों के युवाओं को इस योजना के तहत प्रशिक्षित कर रोजगार देने की योजना बना रही है? इसके अलावा उन्होंने बीते दो वर्षों के दौरान प्रदेश में प्रशिक्षित युवाओं, उन्हें मिली नौकरियों और स्वीकृत निधि का ब्योरा भी मांगा।
सांसद के सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने स्पष्ट किया कि डीडीयू-जीकेवाई के तहत रोजगार की गारंटी नहीं दी जाती क्योंकि यह एक मांग आधारित योजना है। हालांकि इस योजना में प्रशिक्षुओं को कई तरह की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। मंत्री ने बताया कि योजना के दिशा-निर्देशों के तहत सभी अभ्यर्थियों, विशेष रूप से एससी-एसटी वर्ग के युवाओं को आर्थिक लाभ दिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इन लाभों में आवासीय प्रशिक्षुओं के लिए निःशुल्क आवास और भोजन, गैर-आवासीय प्रशिक्षुओं को खाद्य और परिवहन सहायता, रोजगार मिलने के बाद नियोजन सहायता, वर्दी एवं अन्य सुविधाएं, रोजगार में बने रहने पर प्रतिधारण सहायता, विदेश में रोजगार पाने वाले प्रशिक्षुओं के लिए चिकित्सा जांच एवं परामर्श सहायता औऱ प्रशिक्षण केंद्रों के स्थान के अनुसार विशेष क्षेत्र भत्ता शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश को जारी निधि का ब्योरा पेश
केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि डीडीयू-जीकेवाई के तहत राज्यों को उनकी मांग और अनुमोदित कार्ययोजनाओं के आधार पर निधि आवंटित की जाती है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश को बीते दो वर्षों और चालू वित्तीय वर्ष के दौरान जारी की गई निधि का विस्तृत विवरण सदन के पटल पर रखा। हिमाचल प्रदेश को दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत वित्त वर्ष 2022-23 में हिमाचल प्रदेश को कुल 2665.68 लाख रुपये जारी किए गए। इस दौरान अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 773.04 लाख रुपये जबकि अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 559.8 लाख रुपये आवंटित किए गए।
इसके बाद वित्त वर्ष 2023-24 में प्रदेश को 2655.46 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई, जिसमें से अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 763.20 लाख रुपये तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 552.66 लाख रुपये निर्धारित किए गए।
वहीं वर्ष 2023-24 (जनवरी 2025 तक) की अवधि में हिमाचल प्रदेश को 1627.00 लाख रुपये की निधि प्राप्त हुई। इस दौरान अनुसूचित जाति वर्ग को 296.44 लाख रुपये तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग को 178.48 लाख रुपये आवंटित किए गए।
ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए समान नीति
कमलेश पासवान ने कहा कि सरकार देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों को सुव्यवस्थित और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए एक ठोस रणनीति पर काम कर रही है। इसके तहत डीडीयू-जीकेवाई के दिशा-निर्देशों और मानक प्रचालन प्रक्रियाओं का पूरे देश में समान रूप से अनुपालन किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रशिक्षण केंद्रों को बेहतर सुविधाएं दी जाएं और अधिक से अधिक युवाओं को इस योजना का लाभ मिले। अगर प्रशिक्षण केंद्र विशेष क्षेत्रों में स्थित हैं तो वहां विशेष क्षेत्र भत्ता भी दिया जाता है, ताकि प्रशिक्षुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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