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मेडिकल हादसे में दिव्यांग बने कैथल के तीरंदाज हरविंदर को मिलेगा पद्मश्री

कैथल के तीरंदाज हरविंदर सिंह का फाइल फोटो

कैथल में जश्न का माहौल, हरविंदर बोले यादगार पल

गणतंत्र दिवस पर हरियाणा की झांकी में होंगे शामिल

कैथल, 25 जनवरी (Udaipur Kiran) । कैथल के तीरंदाज हरविंदर सिंह का पदम श्री के लिए चयन होने पर जिला कैथल में खुशी का माहौल है। उनका हौसला, लगन और मेहनत युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गई है।

हरविंदर के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं रहा। उन्होंने संघर्षों से कभी मुंह नहीं मोड़ा और परेशानियों का डटकर सामना किया। शनिवार को बातचीत करते हुए हरविंदर ने बताया कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और देश के लिए खेलकर नाम रोशन किया। ‌

उन्होंने बताया कि वह दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हरियाणा की ओर से निकाले जाने वाली झांकी में शामिल होंगे। हरविंदर सिंह ने बताया कि यह उसके लिए बड़ी खुशी का पल है जो उन्हें पदम श्री मिल रहा है। इसकी आज घोषणा हुई है। इसी खुशी में दिल्ली में उनके कोच जीवनजोत सिंह तेजा व गौरव शर्मा ने उन्हें मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी हैं।‌ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।‌

चुनौतियों से नहीं मानी हार, खेत को बना दिया तीरंदाजी रेंज

हरविंदर के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं रहा। उन्होंने संघर्षों से कभी मुंह नहीं मोड़ा और परेशानियों का डटकर सामना किया। उनकी कहानी तमाम लोगों के लिए प्रेरणादायक है।

हरविंदर सिंह का जन्म 25 फरवरी 1991 को हरियाणा के कैथल में हुआ था। अजीत नगर के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरविंदर जब डेढ़ साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया और इसके उपचार के लिए उन्हें इंजेक्शन लगाए गए थे।

दुर्भाग्य से इन इंजेक्शन के कुप्रभावों से उनके पैरों की गतिशीलता चली गई। हरविंदर को शुरुआत में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन वह फिर भी तीरंदाजी में आ गए। 2017 पैरा तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप में डेब्यू में सातवें स्थान पर रहे। फिर 2018 जकार्ता एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे और कोविड 19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में उनके पिता ने अपने खेत को तीरंदाजी रेंज में बदल दिया था, ताकि वह ट्रेनिंग कर सकें।

हरविंदर ने बताया कि‌ हम फसल काट चुके थे और खेत खाली थे तो मेरे पिता ने वहां तीरंदाजी रेंज तैयार करने में मदद की।

इस तरह सुरक्षित रूप से मैं अभ्यास कर सका। तीरंदाजी में सफलता के साथ वह अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री भी ले रहे हें। जून 2024 में पैरा तीरंदाजी विश्व रैंकिंग स्पर्धा में उन्होंने चेक गणराज्य में कांस्य पदक जीता था। इससे पहले अप्रैल 2024 में विश्व तीरंदाजी ओशिनिया 2024 पैरा ग्रैंड प्रिक्स में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में कांस्य पदक जीता था।

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(Udaipur Kiran) / नरेश कुमार भारद्वाज

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