Chhattisgarh

विवादों को आगे बढ़ाने की बजाय सुलझाने का हो प्रयास : न्यायाधिपति  गौतम भादुड़ी

Lok adalat

-लोक अदालत बेहतर माध्यम, ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की अपील

-कोरबा में नेशनल लोक अदालत का किया शुभारंभ

कोरबा/रायपुर, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । न्यायाधिपति गौतम भादुड़ी, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर और कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर ने आज शनिवार को कोरबा में नेशनल लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में न्यायाधिपति भादुड़ी ने कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य व कोशिश है कि आपसी झगड़े और विवाद में जल्द से जल्द विराम लगे। लोक अदालत से दोनों पार्टी संतुष्ट होकर घर जाते हैं। कई ऐसे मामले होते है जिसमें प्रकरण दाखिल होने के साथ जीत-हार की संभावना रहती है। इसके विरूद्ध हाईकोट, सुप्रीम कोर्ट में अपील होती है और एक वकील तथा न्यायाधीश के रूप में मेरा अनुभव है कि मुकदमा लड़ना कितना खर्चीला होता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई विवादी है, मुकदमें में उलझा है तो दिमाग में हमेंशा तनाव बना रहता है, जिससे तबीयत भी खराब होती है। आप जो उन्नति करना चाहते है, जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं, उसमें कही न कही रोक लग जाता है।

न्यायाधीश भादुड़ी ने कहा कि जब तक समाज है, इसमें झगड़ा होते रहेगा, क्योंकि यह समाज के साथ ही चलने वाली बात है। आप फोटोग्राफी में देखे होंगे कि निगेटिव्ह से ही पॉजीटिव फोटो बनता है। सोसायटी में भी निगेटिव्ह चीजें रहती है, जब तक लोग है, कुछ न कुछ आपसी विवाद भी रहेगा। लोक अदालत का मंच एक प्रयास है कि विवादों को कम करने के साथ सुलझने योग्य प्रकरणों को सुलझाने की। न्यायाधिपति भादुड़ी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रकरणों को सुलझाने के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य अन्य कई बड़े राज्यों से आगे है, इसके लिए न्यायाधीश, अधिवक्तागण तथा पक्षकार बधाई के पात्र है।

न्यायाधिपति भादुड़ी ने कहा कि विवाद खत्म होने पर उन्नति की ओर आगे बढ़ा जा सकता है। अपना ध्यान किसी कार्य में केंद्रित किया जा सकता है। आप देखेंगे कि विवादी में ईगो, छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़े विवाद होते हैं। ऐसे विवादों को सुलझाने में आप प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोई प्रकरण चलाना है तो लम्बा चलता ही रहेगा। इसलिए दो कदम आप चलेंगे तो दो कदम वे भी चलेंगे। वकील और जज की कोशिश रहती है कि विवाद जल्दी समाप्त हो। लोक अदालत में लोग एक दूसरे से गले मिलकर जाएं। कुछ प्रकरणों में बहुत समय लग जाता है। अपील होने के बाद निर्णय आता है तब तक बहुत देर हो जाती है। उन्होंने कहा कि कोई चीज समय पर न मिले तो उसकी अहयिमत खत्म हो जाती है। इसलिए समय का सदुपयोग किया जाना चाहिए। विवादों को अनावश्यक बढ़ावा देने की बजाय अधिकतम प्रकरणों को सुलझाना चाहिए। लोक अदालत का आयोजन विवादों को खत्म करने के उद्देश्य से ही की गई है। आप सभी इसका लाभ उठाइये। उन्होंने सभी को लोक अदालत के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर कोरबा जिले के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्येन्द्र साहू, विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी जयदीप गर्ग, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष गणेश कुलदीप सहित न्यायाधीशगण, अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी, जिला प्रशासन के अधिकारी तथा अधिवक्तागण उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / गायत्री प्रसाद धीवर / चन्द्र नारायण शुक्ल

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