
नई दिल्ली, 23 मई (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका के कार्यकाल का आज आखिरी दिन था।
उन्होंने पुरानी परम्पराओं को तोड़ते हुए आज कुल 11 फैसले सुनाए। उनके विदाई समारोह में चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि जस्टिस ओका को एक शानदार जज के रुप में याद किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की ओर से आयोजित विदाई समारोह में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि जस्टिस ओका ने देश के महान न्यायाधीशों में अपना स्थान बनाया है। उनको उनकी स्पष्टवादिता और पारदर्शिता के लिए याद किया जाएगा। जब सुप्रीम कोर्ट का इतिहास लिखा जाएगा, तो उसमें एक चैप्टर ग्रैंड ओका पर होगा। इस मौके पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि जस्टिस ओका को एक शानदार जज के रुप में याद किया जाएगा।
इस मौके पर एससीबीए के नवनिर्वाचित अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि जस्टिस ओका काे देखते हुए मैं कह सकता हूं कि सुप्रीम कोर्ट के जज के रिटायरमेंट की उम्र 65 साल नहीं होनी चाहिए। यह विद्वता और प्रतिभा की बर्बादी है।
जस्टिस ओका ने आज अपने कार्यकाल के अंतिम दिन कुल 11 फैसले सुनाए। उनकी मां का निधन 21 मई को हुआ था, लेकिन 22 मई को अंतिम संस्कार के बाद वे अगले ही दिन सुप्रीम कोर्ट गए। विदाई समारोह में चीफ जस्टिस जस्टिस गवई ने कहा कि पिता के निधन के बाद भी जस्टिस ओका एक दिन की छुट्टी लेकर काम पर लौट आए थे। जस्टिस ओका से शायद ही किसी को कोई शिकायत रही होगी। उनको एक शानदार जज के रूप में याद किया जाएगा।
जस्टिस ओका ने एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्हें रिटायरमेंट शब्द पसंद नहीं है और उन्होंने अपने सेवानिवृत्ति की ओर ध्यान देने के बजाय कार्यभार बढ़ा लिया है। उन्होंने कहा था कि मैं सुप्रीम कोर्ट की उस परंपरा से असहमत हूं, जिसमें रिटायर होने वाले जज अंतिम दिन काम नहीं करते। इस परंपरा को खत्म करने में समय लगेगा, लेकिन मुझे इस बात की संतुष्टि है कि मैं अंतिम दिन भी नियमित बेंच में बैठूंगा और फैसले सुनाऊंगा।”
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
