कोलकाता, 21 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जूनियर डॉक्टरों ने घोषणा की है कि वे अनशन समाप्त किए बिना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत करेंगे। सोमवार शाम पांच बजे बैठक से पहले जूनियर डॉक्टरों की आंतरिक बैठक हुई है, जिसमें यह तय किया गया है कि दिशाहीन की तरह नहीं बल्कि ठोस और उन बिंदुओं पर ही चर्चा की जाएगी जो प्रभावी हों। डॉक्टरों ने यह भी साफ किया है कि वे सीमित और रचनात्मक चर्चा की उम्मीद करते हैं।
सवाल यह है कि मुख्यमंत्री के साथ कितने जूनियर डॉक्टर बैठक में शामिल होंगे और वे क्या मुद्दे उठाएंगे। इस पर सोमवार को धर्मतला में अंतिम चर्चा हुई। सरकारी आदेश के मुताबिक, बैठक में केवल 10 डॉक्टर ही जा सकते हैं, और यह बैठक नवान्न में शाम पांच बजे से शुरू होगी। बैठक के लिए सरकार ने 45 मिनट का समय तय किया है।
जूनियर डॉक्टरों ने जोर दिया है कि वे मुख्यमंत्री से अपनी मांगों को बिना समय गंवाए पेश करेंगे। उनका मानना है कि अधिक प्रतिनिधियों के साथ बैठक का स्वरूप भटक सकता है, इसलिए वे गिने-चुने प्रतिनिधियों के साथ ही जाना चाहते हैं ताकि चर्चा प्रभावी हो सके। डॉक्टरों का मुख्य फोकस अपनी मांगों को प्रशासन से मान्य कराना है।
संबंधित विषयों पर चर्चा करते हुए, सरकार ने शनिवार को एक ईमेल भेजा था, जिसमें डॉक्टरों से अनुरोध किया गया था कि वे पहले अनशन समाप्त करें और फिर बैठक में शामिल हों। हालांकि, डॉक्टरों ने इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया है और अनशन जारी रखते हुए बैठक में भाग लेने का फैसला किया है।
जूनियर डॉक्टरों की 10 मांगों में से चार प्रमुख रूप से अस्पतालों की सुरक्षा और संरचना से संबंधित हैं। उनकी मांगों में केंद्रीय रूप से ‘रेफरल’ प्रणाली, अस्पतालों में शून्य बेड की डिजिटल मॉनिटरिंग, कॉलेज आधारित टास्क फोर्स, सीसीटीवी, पैनिक बटन, हेल्पलाइन नंबर और सिविक पुलिस के बदले महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती शामिल है। डॉक्टर यह जानना चाहते हैं कि सरकार ने इन मुद्दों पर अब तक क्या कदम उठाए हैं।
जूनियर डॉक्टर इस बैठक को अति महत्वपूर्ण मानते हैं क्योंकि उनके आंदोलन ने एक बड़े मोड़ पर पहुंच गया है और उन्हें उम्मीद है कि सरकार से उनकी मांगों पर गंभीर चर्चा होगी।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर