कोलकाता, 17 जनवरी (Udaipur Kiran) । आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन अब एक नए विवाद में घिर गया है। आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले ईएनटी विभाग के जूनियर डॉक्टर, डॉ. अशफाकुल्ला नाइया को पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने फर्जी डिग्री इस्तेमाल करने के आरोप में नोटिस भेजा है। काउंसिल ने उन्हें सात दिनों के भीतर पेश होने का निर्देश दिया है, अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
डॉ. अशफाकुल्ला के खिलाफ यह शिकायत पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने की थी। आरोप है कि सिंगुर में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाली एक संस्था के पोस्टर पर उनके नाम के साथ ‘एमएस’ (मास्टर ऑफ सर्जरी) लिखा गया था, जबकि उन्होंने यह कोर्स अभी पूरा नहीं किया है।
इस मामले ने तूल पकड़ लिया और राज्य के मुख्य सचिव तक इसकी गूंज पहुंची। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस बारे में मुख्य सचिव और मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखा था, जिसके बाद यह नोटिस जारी किया गया है।
हालांकि, डॉक्टर अशफाकुल्ला नाइया ने गुरुवार को कहा, नोटिस में कोई तारीख या हस्ताक्षर नहीं है, जिससे यह स्पष्ट नहीं होता कि मुझे कहां और किससे मिलना है। मैं पहले से जानता था कि आंदोलन करने पर इस तरह की प्रतिक्रिया होगी। अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने पर प्रतिशोध झेलना पड़ता है। अगर यह नोटिस वास्तव में आधिकारिक है, तो मैं निश्चित रूप से इसका जवाब दूंगा।
इस विवाद पर सिंगुर की संस्था ने भी सफाई दी है। उनके अनुसार, हमारे अनुरोध पर डॉ. अशफाकुल्ला नाइया और कई अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर हमारे स्वास्थ्य शिविर में भाग लेते थे। वे निःस्वार्थ भाव से मरीजों का इलाज करते थे और कोई शुल्क नहीं लेते थे। उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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