West Bengal

राजपथ पर उतरे जूनियर डॉक्टर, आरजी कर कांड में न्याय की मांग

पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों की विशाल रैली

कोलकाता, 09 नवंबर (Udaipur Kiran) । आर.जी. कर अस्पताल में हुई घटना के तीन महीने पूरे होने पर पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को एक विशाल रैली का आयोजन किया। इसमें एक बार फिर न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे। कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से शुरू होकर धर्मतला तक गई इस रैली में डॉक्टरों के साथ बड़ी संख्या में आम लोग भी शामिल हुए।

आंदोलन में शामिल जूनियर डॉक्टरों ने न्याय की मांग करते हुए कहा कि वे तब तक सड़क पर रहेंगे, जब तक न्याय नहीं मिल जाता। जूनियर डॉक्टर देवाशीष ने साफ तौर पर कहा कि राजपथ नहीं छोड़ेंगे।

एक अन्य डॉक्टर पुलस्त्य ने कहा कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा। जनता को भी इस आंदोलन में हमारे साथ आना चाहिए। न्याय के इस संघर्ष को हम पूरे देश में फैलाएंगे।

इस प्रदर्शन में भाग ले रहे आंदोलनकारियों ने ‘जनता की चार्जशीट’ कार्यक्रम के तहत न्याय की मांग के लिए नारेबाजी की। कुछ हफ्ते पहले आर.जी. कर मामले को लेकर 80 से अधिक संगठनों ने मिलकर ‘अभया मंच’ की स्थापना की थी। इस मंच के तत्वावधान में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया गया।

इस रैली में डॉक्टरों के साथ अभिनेत्री देबलिना दत्ता और चैती घोषाल जैसी प्रमुख हस्तियां भी शामिल थीं। देबलिना ने कहा कि संविधान हमें विरोध का अधिकार देता है, और यही कारण है कि मैं भी सड़क पर उतरी हूं।

रैली में बड़ी संख्या में लोग प्लेकार्ड और पोस्टर लेकर शामिल हुए, जिन पर न्याय चाहिए लिखा था। वहीं, कुछ लोगों ने देशभक्ति के गीत गाए और राष्ट्रीय ध्वज फहराया। रैली के आगे एक वरिष्ठ डॉक्टर भी व्हीलचेयर में बैठे हुए दिखाई दिए, जो विशेष तौर पर कनाडा से इस रैली में शामिल होने आए थे।

आर.जी. कर अस्पताल में भी एक ‘द्रोह गैलरी’ लगाई गई है, जहां आंदोलन के पोस्टर, बैनर, चित्र और कविताएं प्रदर्शित की जा रही हैं। आंदोलनकारी डॉक्टरों ने कहा कि इसके जरिए इस संघर्ष के हर पहलू को समाज के सामने रखने का प्रयास किया जा रहा है। शनिवार को हुए इस मार्च में डॉक्टरों ने न केवल आर.जी. कर कांड बल्कि उन्नाव और हाथरस मामलों में भी न्याय की मांग उठाई।

जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक आर.जी. कर अस्पताल में हुई घटना की निष्पक्ष जांच नहीं होती और पीड़ितों को न्याय नहीं मिलता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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