RAJASTHAN

जूली ने पूछा- कब होंगे शहरी निकाय चुनाव? जवाब मिला-इस साल नवंबर तक होने की संभावना

राजस्थान विधानसभा

जयपुर, 5 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान में शहरी निकाय चुनाव इस साल नवंबर तक होने की संभावना है। विधानसभा में बुधवार को वन स्टेट-वन इलेक्शन नीति के तहत निकाय चुनावों की संभावित तारीख को लेकर चर्चा हुई है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार से पूछा कि निकाय चुनाव कब होंगे, जिस पर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जवाब दिया कि 2025 के नवंबर तक चुनाव कराए जा सकते हैं।

भाजपा विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने विधानसभा में शहरी निकाय चुनावों को लेकर सवाल किया। उन्होंने पूछा कि क्या सभी निकायों के चुनाव एक साथ होंगे? इस पर मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि बार-बार आचार संहिता लगने से विकास कार्य प्रभावित होते हैं। इसलिए वन स्टेट-वन इलेक्शन नीति के तहत बजट घोषणा की गई थी, ताकि एक बार में सभी चुनाव कराकर बार-बार लगने वाली आचार संहिता से बचा जा सके और विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।

माहेश्वरी ने यह भी सवाल किया कि इन चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल होगा या नहीं? और अगर होगा, तो इतनी ईवीएम कहां से आएंगी? इस पर मंत्री खर्रा ने कहा कि निकाय चुनाव कराने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग की है। फिलहाल वार्ड सीमांकन का काम चल रहा है और इसके पूरा होने के बाद ही यह तय होगा कि कितने वार्ड होंगे।

उन्होंने बताया कि छोटी नगरपालिकाओं में एक वार्ड में एक पोलिंग स्टेशन बनेगा। नगर निगमों और नगर परिषदों में पांच से दस पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग के पास जितनी ईवीएम उपलब्ध होंगी, उनका उपयोग किया जाएगा। यदि अतिरिक्त ईवीएम की जरूरत पड़ी, तो पड़ोसी राज्यों से मशीनें मंगवाई जाएंगी।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पूरक सवाल करते हुए कहा कि सरपंचों का कार्यकाल तो बढ़ा दिया गया और उन्हें ही जिम्मेदारी दे दी गई। लेकिन, जहां पंचायत से नगरपालिका बनाई गई, वहां पहले के सरपंचों को नगरपालिका अध्यक्ष बनाने की बजाय प्रशासक नियुक्त कर दिए गए। उन्होंने पूछा कि सरकार ने यह दोहरी नीति क्यों अपनाई?

इस पर मंत्री खर्रा ने जवाब दिया कि फिलहाल वार्ड पुनर्गठन का काम चल रहा है। इसके बाद वोटर लिस्ट अपडेट होगी और फिर चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। सरकार की मंशा है कि सभी निकायों के चुनाव 2025 के अंत तक एक साथ कराए जाएं, और यह अवधि नवंबर के आसपास हो सकती है।

उन्होंने बताया कि चुनावों के मद्देनजर प्रदेश में नगरीय निकायों के वार्डों के पुर्नगठन एवं परिसीमांकन का कार्य प्रक्रियाधीन है। इसके पश्चात् कुल वार्डों की संख्या निश्चित हो सकेगी। इसके बाद मतदाता सूची को अद्यतन किया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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