नई दिल्ली, 03 सितम्बर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला के मनी लांड्रिंग मामले में बिजनेसमैन अमनदीप ढल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है।
अमनदीप ढल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दायन कृष्णन ने कहा कि इस मामले के दूसरे सह आरोपितों मनीष सिसोदिया, के. कविता और विजय नायर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इस मामले में ट्रायल लंबा चलने की उम्मीद है और अमनदीप ढल कई महीनों से हिरासत में हैं। सुनवाई के दौरान ईडी की ओऱ से वकील विवेक गुरनानी ने कहा कि अमनदीप ढल के खिलाफ पुख्ता डिजिटल साक्ष्य और गवाहों के बयान हैं, जिससे पता चलता है कि वो इस अपराध में शामिल रहा है।
हाई कोर्ट ने 4 जून को अमनदीप ढल की सीबीआई के मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि अमनदीप ढल और उनके पिता पर इस मामले से उनका नाम हटाने के लिए ईडी के एक अधिकारी को पांच करोड़ रुपये रिश्वत देने का आरोप है। इसका साफ मतलब है कि वह गवाहों को प्रभावित करके साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले के कई गवाह अमनदीप ढल को बखूबी जानते हैं और वो आम आदमी पार्टी के नेताओं के संपर्क में थे।
ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में 01 मार्च, 2023 को अमनदीप ढल को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने इस मामले में 25 अप्रैल, 2023 को पूरक चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई ने इस मामले में अमनदीप ढल के अलावा मनीष सिसोदिया, बुची बाबू, अर्जुन पांडेय को आरोपित बनाया है। बुची बाबू तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री केसी राव की बेटी के. कविता के सीए रह चुके हैं। सीबीआई ने इस मामले में 25 नवंबर, 2022 को पहली चार्जशीट दाखिल की थी।
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