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दिल्ली शराब नीति के सीबीआई मामले में अरविंद केजरीवाल की जमानत पर फैसला सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

– अरविंद केजरीवाल और सीबीआई के बीच सुप्रीम कोर्ट में करीब पांच घंटे चली बहस

नई दिल्ली, 05 सितंबर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को दिल्ली शराब नीति के सीबीआई से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर करीब पांच घंटे बहस हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने 10 सितंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया है।

सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से एएसजी एसवी राजू ने अरविंद केजरीवाल की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि अगर इनको जमानत दी गई तो ये गवाहों को प्रभावित करेंगे और गवाह अपने बयान से मुकर जायेंगे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल जमानत के लिए सीधे हाई कोर्ट चले गए, जबकि उनको सेशन कोर्ट में जाना चाहिए था। ट्रायल कोर्ट ही किसी मामले की जांच और परीक्षण के लिए पहला कोर्ट है। उन्होंने कहा कि के. कविता मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट जाने को कहा था। ऐसे में केजरीवाल कोई असाधारण व्यक्ति नहीं हैं, जिनके लिए अलग दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। तब कोर्ट ने कहा कि हम तय करेंगे कि इस मामले हमें दखल देना है या नहीं।

केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जमानत की मांग करते हुए कहा कि कोर्ट को केवल तीन बातों का परीक्षण करने की जरूरत है। पहला कि क्या उनके फरार होने का कोई जोखिम है। दूसरा कि क्या वो गवाहों को प्रभावित करेंगे। तीसरा कि क्या वो सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे। सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल के भाग जाने का कोई खतरा नहीं है। गवाहों को प्रभावित करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने का भी रिस्क नहीं है। सिंघवी ने कहा कि सीबीआई की गिरफ्तारी इंश्योरेंस अरेस्ट है। उनकी गिरफ्तारी दो साल बाद इसलिए की गई, ताकि केजरीवाल को जेल में रखा जा सके। उन्होंने कहा कि मनी लांड्रिंग कानून के कड़े प्रावधानों के बावजूद केजरीवाल को दो बार सुप्रीम कोर्ट और एक बार ट्रायल कोर्ट ने राहत दी है।

सिंघवी ने कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ईडी और सीबीआई के केस में भी लागू होगा। ये केजरीवाल के मामले में भी लागू होगा। सीबीआई ने अपने जवाबी हलफनामा में कहा है कि केजरीवाल इस घोटाले के किंगपिन हैं। बिना आबकारी विभाग के मंत्री रहते हुए भी पूरे घोटाले के वास्तुकार हैं। उनको इस घोटाले का सब कुछ पता था, क्योंकि सारे निर्णय इनकी सहमति और निर्देशन में ही हुए। इसके बावजूद वह जांच एजेंसी के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया था। 5 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की सीबीआई गिरफ्तारी और ट्रायल कोर्ट के सीबीआई हिरासत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने केजरीवाल को सीबीआई की गिरफ्तारी को सही करार दिया था। सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल में बंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 1 जून तक की अंतरिम जमानत देते हुए 2 जून को सरेंडर करने का आदेश दिया था। केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर कर दिया था।

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(Udaipur Kiran) पाश

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