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झारखंड में निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ दर्ज मामले में फैसला सुरक्षित

Suprem Court File Photo

नई दिल्ली, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार से पूछा है कि मार्च 2023 में उड़ान भरने के लिए दबाव बनाने के मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ दर्ज मामले की जांच राज्य सीआईडी क्यों कर रही है, जबकि आरोपों की जांच करने का अधिकार क्षेत्र नागरिक विमानन महानिदेशालय को है। जस्टिस एएस ओका ने पूछा कि सीआईडी एयरक्राफ्ट एक्ट के तहत जांच कैसे कर सकती है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिय़ा।

सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार ने कहा कि इस मामले में जांच जारी रखने के लिए संबंधित प्राधिकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। झारखंड सरकार की इस दलील पर निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस मामले में जांच जारी रखने के लिए संबंधित प्राधिकार से अनुमति लेनी जरूरी है और इसी आधार पर हाईकोर्ट ने फैसला दिया था।

झारखंड सरकार ने देवघर हवाई अड्डे पर मार्च 2023 में उड़ान भरने के लिए दबाव बनाने के मामले में सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दरअसल झारखंड हाई कोर्ट ने 13 मार्च 2023 को शाम के समय उड़ान भरने के लिए दबाव बनाने के मामले में निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और दूसरे आरोपितों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट के इस आदेश को झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी पर आरोप है कि इन्होंने देवघर हवाई अड्डे पर सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया। उन्होंने एटीसी पर शाम में निजी विमान को उड़ान भरने के लिए दबाव बनाया था।

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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