Jammu & Kashmir

जम्मू-कश्मीर पार्टियों ने कक्षा 9 की पाठ्यपुस्तक से श्रद्धेय सूफी संत पर अध्याय हटाने की निंदा की

जम्मू-कश्मीर पार्टियों ने कक्षा 9 की पाठ्यपुस्तक से श्रद्धेय सूफी संत पर अध्याय हटाने की निंदा की

श्रीनगर, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर पार्टियों ने कक्षा 9 की पाठ्यपुस्तक से श्रद्धेय सूफी संत पर अध्याय हटाने की निंदा की है। माकपा और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (बीओएसई) की 9वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक से श्रद्धेय संत शेख नूर-उद-दीन नूरानी के जीवन पर अध्याय हटाने के लिए आलोचना की, पूर्व मंत्री सज्जाद गनी लोन ने इसे सांस्कृतिक आतंकवाद कहा। हालांकि सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि संत पर अध्याय पाठ्यपुस्तकों से नहीं हटाया जाएगा और राज्य के शिक्षा मंत्री ने संबंधित अधिकारियों से इस मुद्दे को सुधारने के लिए कहा है।

सादिक ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा कि शेख-उल-आलम पर अध्याय पाठ्यपुस्तकों से नहीं हटाया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने प्रमुख सचिव को पीडीएफ संस्करण में पाई गई समस्या को संबोधित करने और सुधारने का निर्देश दिया है। इसी बीच सीपीआई विधायक एम वाई तारिगामी ने इस घटना को बेहद परेशान करने वाला बताया और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से अध्याय को फिर से बहाल करने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। तारिगामी ने अपने एक्स के माध्यम से कहा कि यह बेहद परेशान करने वाला है कि पूज्य सूफी संत शेख-उल-आलम पर एक पूरा अध्याय कक्षा 9 की पाठ्यपुस्तक से हटा दिया गया है। विधानसभा चुनावों से पहले की गई यह सेंसरशिप समृद्ध सूफी परंपराओं में निहित समाज के लिए अस्वीकार्य है।

उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि इस महत्वपूर्ण अध्याय को फिर से शामिल किया जाए जिससे हमारी समृद्ध सांस्कृतिक और सूफी विरासत को संरक्षित और सम्मानित किया जा सके। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने कहा कि बोस ने कक्षा 9 की पाठ्यपुस्तकों से कश्मीर के पूज्य संत के जीवन पर आधारित एक अध्याय को हटा दिया है और उन्होंने इसे हमारी संस्कृति और लोकाचार पर हमला कहा है।

उन्होंने कहा कि हम सभी ने उनका सम्मान किया है और लोग चाहे किसी भी धर्म के हों, उन्हें सर्वाेच्च सम्मान देते हैं। यह शुद्ध सांस्कृतिक आतंकवाद है। यह हमारी संस्कृति और लोकाचार पर हमला है। लोन ने एक्स पर पोस्ट किया कि मैं एक कश्मीरी के तौर पर इसकी कड़ी निंदा करता हूं। पूर्व मंत्री ने कहा कि महान संत की शिक्षाएं हिंसा, लालच और घृणा से भरे इन मुश्किल समय में आशा की किरण हैं। उन्होंने कहा कि पहले से कहीं ज़्यादा मौजूदा समय हिंसा, लालच और घृणा से भरा हुआ है। इन समयों में हमारे महान संत आशा की किरण और अनुकरण के लिए एक आदर्श हैं।

(Udaipur Kiran) / सुमन लता

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