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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च में 16 हजार करोड़ की हुई बचत : जेपी नड्डा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पे नड्डा प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए

– नड्डा ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पिछले दस सालों की उपलब्धियां गिनवाई

नई दिल्ली, 28 जनवरी (Udaipur Kiran) । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से गरीब लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च में 16 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। इस मिशन पर केंद्र सरकार ने साल 2014-15 में 24,243 करोड़ खर्च को बढ़ाकर 2024-25 में 59,740 करोड़ खर्च किया। जो पिछले 10 वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में 184 प्रतिशत की वृद्धि है। यही नहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के कई लक्ष्य समय से पहले हासिल करने में भी सफलता मिली है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को विज्ञान भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया मिशन से लेकर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम(पीएमएनडीपी) और राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम तक, ये पहल सभी के लिए स्वास्थ के मंत्र के साथ ‘स्वस्थ भारत’ को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण रही हैं।

यह परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और हमारे स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोगात्मक प्रयासों के कारण संभव हुआ है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के प्रमुख डा राजीव बहल और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक अनुराधा पटनायक मौजूद रहे।

मंत्री नड्डा ने कहा कि सरकार ने समाज के सभी वर्गों को पिछले 10 वर्ष में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से राहत दी है। राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, इंद्रधनुष मिशन के अच्छे नतीजे आएं हैं। शिशु मृत्यु दर, मातृ- शिशु मृत्यु दर और प्रजनन दर में गिरावट हुई है। उन्होंने कहा कि मिशन के अंतर्गत समूह विशेष और क्षेत्र विशेष को लक्षित कर काम किया जा रहा है तथा इसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में आरोग्य मंदिर की संख्या में 923 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2018-19 में 17,149 आरोग्य मंदिर से बढ़कर इसकी संख्या 1.75 लाख से ज्यादा हो गई है। इनमें फ़ुटफाल भी बढ़ा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन तैयार किया गया है तथा इसके लिए धन की कमी नहीं है। इसके तहत अत्याधुनिक एम्स अस्पतालों के साथ कुशल मानव संसाधन को आवश्यक उपकरणों और प्रशिक्षण से सुसज्जित किया जा रहा है। नड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा को देश के दूर – दराज के क्षेत्रों तक पहुंचाया जा रहा है। इन सेवाओं की निरंतरता और गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जा रही है। आरोग्य मंदिरों को जीवन शैली से जोड़ा गया है। केंद्र सरकार आरोग्य मंदिरों को मानकों के अनुरूप बनाने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित कर रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र में टेली परामर्श ने व्यापक बदलाव किया है।

दिल्लीवालों को 10 साल से नहीं मिल रहा केंद्रीय योजना का लाभ

एक सवाल के जवाब में नड्डा ने कहा, आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली की मौजूदा सरकार द्वारा शहर में लागू न करना अमानवीय है। इस कृत्य की वजह से राजधानी के 57 लाख लोगों को 10 साल से केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जनता पांच फरवरी को इसका जवाब देगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम 748 जिलों में चलाया जा रहा है। जिससे किडनी मरीजों को निशुल्क इलाज मिला है। देश के 1575 केंद्रों पर 26.46 लाख लोगों को डायलिसिस की सुविधा मिली है। गरीब लोगों को बड़ी राहत मिली है। अब सभी जिलों में तीन से चार केंद्र बन गए हैं।

देश को जल्द ही कालाजार से मिलेगी मुक्ति

एनएचएम की निदेशक अनुराधा पटनायक ने बताया कि केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना के जरिए देश 2015 में नवजात शिशु टेटनस से और 2024 में नेत्र रोग ट्रेकोमा से मुक्त हो चुका है। अब देश कालाजार रोग से भी मुक्त होने जा रहा है। जिसके मामले 1 प्रतिशत हैं और यह स्थिति तीन साल लगातार बरकरार रहने पर डबल्यूएचओ भारत को कालाजार मुक्त देश घोषित कर देगा। इसके अलावा सिकल सेल एनीमिया और टीबी उन्मूलन को लेकर भी हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना विश्व की सबसे बड़ी योजना है जिसके तहत 61 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ देने के काम किया जा रहा है।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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