नई दिल्ली, 26 सितंबर (Udaipur Kiran) ।पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने उत्तरप्रदेश में अपने खिलाफ दायर एफआईआर को निरस्त करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अभिषेक उपाध्याय के खिलाफ लखनऊ में एफआईआर दर्ज किया गया है।
उपाध्याय के आलेख ‘यादव राज बनाम ठाकुर राज’ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनके एक्स(ट्विटर) पर किए गए पोस्ट को विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने अपने एक्स हैंडल से शेयर किया जिसके बाद ये चर्चा का विषय बन गया। उपाध्याय की याचिका में कहा गया है कि उन्होंने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है। याचिका में संबंधित एफआईआर को रदद् करने की मांग की गई है ताकि उनकी पत्रकारिता की स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
याचिका में कहा गया है कि अभिषेक उपाध्याय के एक्स पर पोस्ट के जवाब में यूपी पुलिस के आधिकारी के एक्स हैंडल से कानूनी कार्रवाई की धमकी मिल रही है। याचिका में कहा गया है कि उन्हें लगातार गिरफ्तारी और मुठभेड़ में मारने की धमकियां मिल रही हैं।
बतादें कि अभिषेक उपाध्याय के खिलाफ एक स्वतंत्र पत्रकार पंकज कुमार ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाया है। एफआईआर में अभिषेक उपाध्याय के अलावा पत्रकार ममता त्रिपाठी को भी आरोपित बनाया गया है। दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 352(2), 197(1)(सी), 302, 356(2) और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि अभिषेक उपाध्याय ने अपने एक्स (ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट कर उत्तरप्रदेश के महाराज यानि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को खराब करने की कोशिश की है। उनके पोस्ट से समाज में वैमनस्य, शत्रुता और राष्ट्रीय अखंडता को खतरा है।
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा