
उज्जैन, 22 मार्च (Udaipur Kiran) । विक्रमोत्सव-2025 अंतर्गत पौराणिक फिल्मों के अंतराष्ट्रीय महोत्सव (आईएफएफएएस) के दूसरे दिन शनिवार को नाइजीरिया के उच्चायुक्त एच.ई. उबोंग अकपन जॉनी, प्रथम सचिव अलखुले वुराओला सेनामी, डिप्लोमेट अटैची बशीर उस्मान शामिल हुए। इस अवसर पर उबोंग अकपन जॉनी ने कहा कि भारत और नाइजीरिया का ऐतिहासिक अतीत रहा है। विगत कई वर्षों से भारत और नाइजीरिया के मध्य सांस्कृतिक संबंधों का आदान-प्रदान हो रहा है। भारत के प्राचीन शहर उज्जैन की दुनिया में अलग पहचान है।
उच्चायुक्त एच.ई. उबोंग अकपन जॉनी ने कहाकि किसी भी देश की पहचान उसकी संस्कृति होती है। विशेष रूप से भाषा, कला साहित्य और फिल्म जैसे माध्यम संस्कृतियों को विस्तार देते हैं। फिल्म एक ऐसा माध्यम है जो दुनिया को एक साथ और पास लाने का कार्य हमेशा से करता रहा है। नाइजीरियन फिल्म उद्योग भारत के बॉलीवुड के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फिल्म उद्योग है। जिसे नालीवुड के नाम से जाना जाता है। भारत और नाइजीरिया के मध्य अनेक सांस्कृतिक समझौते होते रहे हैं, इसके माध्यम से दोनों देशों की संस्कृति व कला को जानने समझने का अवसर मिला है। फिल्म समारोह में आमंत्रित करने के लिए उन्होंने मध्य प्रदेश शासन का आभार व्यक्त किया।
फ़िल्म समारोह के दूसरे दिन शनिवार को विभिन्न भाषाओं की 9 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। अतिथियों का स्वागत विक्रम विवि के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज तथा वरिष्ठ पुरातत्वविद डॉ. रमण सोलंकी ने स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। आभार डॉ. रमन सोलंकी ने माना।
रविवार को होगा इन फिल्मों का प्रदर्शन
महोत्सव के तीसरे दिन रविवार को 9 फिल्मों का प्रदर्शन होगा। इसमें भारतीय भाषाओं में गोपाल श्रीकृष्ण(1965), बलराम श्रीकृष्ण, श्रीकृष्ण लीलालू (तेलगू), राधा कृष्णा (बंगाली), श्रीकृष्ण शरणम् (गुजराती), श्रीकृष्ण रूकमणि सत्यभामा (कन्नड़) व श्रीकृष्ण विजयन (तमिल) शामिल है।
* विदेशी भाषाओं में दो फिल्मों जूलिया हेश अम्सुगर(2024) एवं वन वीक एंड ए डे का प्रदर्शन होगा। विदेशी फिल्में अंग्रेजी उपशीर्षक के साथ प्रदर्शित की जायेगी।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
