Bihar

आगामी 12 दिसम्बर तक के लिए फिर रद्द की गई जोगबनी-सिलीगुड़ी टाऊन इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन

अररिया फोटो:जोगबनी सिलीगुड़ी इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन

अररिया, 03 दिसम्बर (Udaipur Kiran) ।

जोगबनी-सिलीगुड़ी टाउन इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन को एक बार फिर 12 दिसम्बर तक के लिए रद्द कर दिया गया है। लगातार इस ट्रेन के रद्द होने से नेपाल समेत क्षेत्र के व्यापारिक सहित अन्य रेल यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे पूर्व भी कुसियारगांव में सीआरएस के कार्यों को लेकर ट्रेन 25 नवंबर से 30 नवंबर तक रद्द थी। यात्रियों का कहना है कि जब से ट्रेन शुरू हुई है चली कम, रद्द ज्यादा रही है।

दरअसल 4 मार्च 2024 से जोगबनी और सिलीगुड़ी के बीच इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ था।ट्रेन संख्या 15723/24 बुधवार और रविवार छोड़कर सप्ताह में पांच दिन जोगबनी और सिलीगुड़ी के बीच चलती थी। इस ट्रेन से नेपाल सहित अन्य यात्रियों को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक यात्रा करने में काफी सहुलियत होती थी। लेकिन तकनीकी कार्यों का हवाला देते हुए 1 अगस्त से 31 अक्टूबर अर्थात तीन महीने तक के लिए इस ट्रेन को रद्द कर दिया गया।ट्रेन रद्द होने के कारण त्योहारों के समय यात्रियों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ा। फिर एक बार बीते 01 नवम्बर से ट्रेन चली जो करीब 24 दिन चलने के बाद फिर 25 नवंबर से 30 नवम्बर तक रद्द हो गई। अब 01 दिसम्बर से 12 दिसम्बर तक रद्द होने की खबर सुनकर यात्रियों में काफी नाराजगी देखी जा रही है।

यात्रियों का कहना है की रेलवे जान बूझ कर बस अथवा अन्य दवाब में इस ट्रेन को लगातार रद्द कर रही है, जबकि अन्य ट्रेनों का परिचालन नियमित रूप से किया जा रहा है। मामले को लेकर नागरिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष शाहजहां शाद और सचिव रमेश सिंह ने कहा कि जोगबनी और सिलीगुड़ी के बीच का यह इंटरसिटी ट्रेन सामरिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण ट्रेन है। बावजूद इसके रेल प्रशासन द्वारा इस ट्रेन के परिचालन को लक्ष्य बनाकर बार बार रद्द कर दिया जा रहा है। जिससे सीमांचल के साथ नेपाल के यात्रियों को परेशानियों का सामना तो करना पड़ हो रहा है। आर्थिक शोषण को भी मजबूर है। बार-बार ट्रेन के परिचालन को रोके जाने पर इसे बंद करने के पीछे बड़ी साजिश रची जा रही है। जिसको लेकर नागरिक संघर्ष समिति पत्राचार के साथ ही जनांदोलन की जरूरत पड़ी तो आंदोलन को मजबूर होगी।

(Udaipur Kiran) / राहुल कुमार ठाकुर

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