
जम्मू, 22 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । जेकेपीसीसी प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा बार-बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने में देरी पर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। कठुआ में डीसीसी की एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने भाजपा से यह स्पष्ट करने को कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए उचित समय से उनका क्या तात्पर्य है। कर्रा ने भाजपा और उसके निर्वाचित प्रतिनिधियों पर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर आपराधिक चुप्पी बनाए रखने का आरोप लगाया और इसे जनादेश के साथ विश्वासघात बताया।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर देरी जारी रही तो कांग्रेस पार्टी आने वाले दिनों में अपने आंदोलन को तेज करेगी और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेगी।
उन्होंने ऐतिहासिक डोगरा राज्य को कमतर आंकने के लिए भाजपा पर आरोप लगाया। हालाँकि उन्होंने क्षेत्र की पहचान, संस्कृति और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों में उनके योगदान के लिए डोगरा शासकों और लोगों की प्रशंसा की। कर्रा ने व्यवसाय नियमों को अंतिम रूप देने में देरी के कारण शासन में भ्रम की भी आलोचना की जिसके बारे में उन्होंने तर्क दिया कि इससे लोगों की समस्याओं के समाधान में बाधा आ रही है। तारा चंद, रमन भल्ला, चौधरी लाल सिंह, रविंदर शर्मा, डॉ. मनोहर लाल और यशपाल कुंडल सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने सभा को संबोधित किया और बेरोजगारी, शरणार्थी मुद्दों, भूमि अधिकारों और कठुआ की कृषि पर अनियंत्रित औद्योगीकरण के प्रभाव जैसी प्रमुख चिंताओं को उठाया।
कर्रा ने बिलावर में रहस्यमय हत्याओं की भी निंदा की और घटनाओं की न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने मामले की जांच के लिए डॉ. मनोहर लाल शर्मा और जिला अध्यक्ष पंकज डोगरा के नेतृत्व में वरिष्ठ नेताओं की एक टीम को नियुक्त किया। कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर संवैधानिक मूल्यों को कमजोर करने और लोगों की कठिनाइयों को बढ़ाने के लिए जानबूझकर राज्य का दर्जा देने में देरी करने का आरोप लगाया। पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह ने कठुआ में भूमि दुरुपयोग, अवैध खनन और माफिया गतिविधियों का आरोप लगाया और किसानों और मजदूरों की कीमत पर स्थानीय संसाधनों का दोहन करने के लिए प्रभावशाली लोगों को दोषी ठहराया।
छह घंटे तक चले सम्मेलन में ब्लॉक अध्यक्षों और जिले के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया तथा भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री और प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
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