Haryana

जींद मार्केट कमेटी का कारनामा,मृ़तक के नाम भेज दिया गेहूं भीगने का नोटिस

प्रेमचंद गोयल, मृतक का बेटा

जींद, 4 मई (Udaipur Kiran) । जींद की मार्केट कमेटी का अजीबो-गरीब कारनामा सामने आया है। मार्केट कमेटी सचिव ने मंडी की उस फर्म के प्रोपराइटर के नाम नोटिस जारी कर दिया, जिसकी कई माह पहले मौत हो चुकी है और वह गेहूं खरीद का काम भी बंद कर चुका है। मृतक के बेटे ने जब इस बारे में सचिव को बताया तो उसे धमकी देते हुए कहा कि वह उसे दुकानदारी करनी सीखा देगा।

मंडी निवासी प्रेमचंद गोयल ने रविवार को बताया कि उनकी नई अनाज मंडी में जय ज्वाला जी ट्रेडिंग कंपनी के नाम से 217 नंबर दुकान है। इस दुकान के प्रोपराइटर उसके पिता रामधारी मल गोयल हैं और उनका 6 जनवरी 2025 को निधन हो चुका है। उनकी मौत के बाद उन्होंने किसी भी तरह की गेहूं की खरीद नहीं की। उनकी दुकान पर न तो कोई गेहूं का कार्य हुआ न ही कोई बैग आया। गेहूं की एंट्री को लेकर गेट पास तक नहीं कटा हुआ है। पिछले दिनों बारिश में डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने गेहूं की ढेरियों को तिरपाल आदि से ढकने के निर्देश दिए थे।

इसके बाद मार्केट कमेटी सचिव ने जय ज्वाला जी ट्रेडिंग के नाम से नोटिस निकाल दिया और कहा कि उनके गेहूं के बैग भीगे हुए हैं। उनकी गेहूं सड़ रही है। इस पर उन्हें जब नोटिस मिला तो वह हैरान हो गया, क्योंकि इस सीजन में उन्होंने किसी तरह की गेहूं की खरीद-फरोख्त नहीं की, इसके बावजूद भी उन्हें नोटिस जारी कर दिया। जब इस बारे में उन्होंने इस बारे में मार्केट कमेटी सचिव के कार्यालय में जाकर बात की तो उसे धमकी दी और कहा कि उसे दुकानदारी करनी सीखा देगा। उनके साथ द्वेष भावना से ऐसा किया जा रहा है।

प्रेमचंद गोयल ने ये भी आरोप लगाया कि मार्केट कमेटी सचिव उन्हें धमकी दे रहा है और रिश्वत की मांग कर रहा है। उन्हें टार्चर किया जा रहा है। जब उनके पिता का निधन हो चुका है तो उनके नाम से नोटिस जारी करना कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की तरफ इशारा कर रहा है। प्रेमचंद ने ये भी कहा कि जब सचिव को पता चला कि मृत प्रोपराइटर के नाम नोटिस जारी हो गया है तो उसने अपनी जेब से जुर्माना भर कर फाइल बंद कर दी है। अब इस मैटर को बंद करने का दबाव बनाया जा रहा है।

मार्केट कमेटी सचिव संजीव कुमार ने बताया कि वर्षा के दौरान गेहूं भीगने पर छह- सात आढ़तियों को नोटिस जारी किए गए थे। कुछ ने जुर्माना भर दिया है, दो आढ़तियों की तरफ से जवाब आना बाकी है। जिस आढ़ती पर आरोप लगाया है, वो उनके कार्यालय में ही पिछले काफी समय से नहीं आया है। उनकी तरफ से लैटर पैड पर लिखित में गलती मानते हुए दो हजार रुपये जुर्माना जमा करवाया गया है। अगर उनके यहां गेहूं नहीं भीगा, तो उन्होंने गलती मानते हुए जुर्माना जमा क्यों करवाया। उनके आफिस में आने व पैसे मांगने के आरोप बेबुनियाद हैं। उनके पास सीसीटीवी फुटेज हैं, जिससे सच्चाई पता चल जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा

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