तांत्रिक के झांसे में आकर ली थी बच्चाें की जान
जींद, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । सफीदों क्षेत्र के गांव डिडवाड़ा में अपने ही पांच बच्चों की हत्या के मामले में जिला कारागार में बंद आरोपित जुम्माद्दीन की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि जुम्माद्दीन पिछले कई माह से बीमार चल रहा था। उसे लकवा भी हो चुका था। मंगलवार रात करीब एक बजे उसकी मौत हो गई। वर्ष 2020 से ही जुम्माद्दीन जेल में बंद था और उसका केस चल रहा था। बीती 15 जुलाई 2020 की रात को डिडवाड़ा गांव से मजदूर 30 वर्षीय जुम्माद्दीन की दो बेटियां मुस्कान (11) और निशा (7) लापता हो गई थीं। तीन दिन बाद उनके शव नहर में मिले थे।
जुम्माद्दीन गांव के सरपंच संजीव के भाई प्रमोद के पास गया और कहा कि उसने ही दोनों बेटियों को नहर में फेंका था। इससे सरपंच व ग्रामीण हैरान रह गए थे। बाद में पूछताछ में जुम्माद्दीन ने बताया कि दो बच्चियों से पहले भी वह अपने तीन बच्चों को मार चुका है। उसने यह भी बताया था कि वह कैथल के तांत्रिक के संपर्क में था और तंत्र विद्या के चक्र में बच्चों की हत्या की है। इसके चलते तीन बच्चों को जहर देकर उनका गला दबा दिया था। दो बच्चों को नहर में फेंक कर उनकी हत्या कर दी थी। ग्रामीणों ने उस समय सोचा था कि बच्चों की मौत बीमारी से हुई है। मामले का खुलासा होने के बाद जुम्माद्दीन को जुलाई 2020 में पुलिस के हवाले कर दिया गया। इसके बाद से जुम्माद्दीन का केस अदालत में चल रहा था।
परिवार के लोगों ने जुम्माद्दीन से दूरी बना ली थी और वह उसे जेल में मिलने भी नहीं आते थे। मंगलवार रात को बीमारी के चलते जुम्माद्दीन की मौत हो गई तो बुधवार को परिवार के लोगों को जानकारी दी गई और मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया। जेल डीएसपी संजीव कुमार ने बताया कि जुम्माद्दीन लकवा मार गया था। जिसके चलते वह चलने, फिरने, उठने, बैठने में असमर्थ हो गया था। रात को अचानक तबीयत खराब होने पर उसे नागरिक अस्पताल रेफर किया गया था और वहीं उसकी मौत हो गई।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा