जींद, 20 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । धान उत्पादक किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सरकार एक हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी। उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि किसान धान की कटाई के बाद अपने खेत में आग न लगाएं। आग लगाने से वायु प्रदूषण होता है और मिट्टी के पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं।
डीसी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन योजना एसबी.82, 2024-25 के तहत अवशेषों को मशीनों की सहायता से मिट्टी में मिलाने पर किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है। धान अवशेषों को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढेगी तथा वातावरण को स्वच्छ रखने में सहायता मिलेगी। जिला के किसान हैप्पी सीडरए सुपर सीडरए रिवर्सिबल एमबी प्लॉव व जीरो टिल सीड ड्रिल की सहायता से धान अवशेषों को मिट्टी में मिला कर प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आवेदक किसान को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। उपायुक्त ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए किसान को विभागीय पोर्टल एग्रीहरियाणाण्जीओवी.इन पर आवेदन करना होगा। ग्राम स्तरीय कमेटी (वीएलसी) से सत्यापन होने के बाद पात्र किसानों को प्रोत्साहन राशि का लाभ दे दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग से किसान अनुदान पर रोटावेटरए एमबी प्लावए सुपर सीडरए हैप्पी सीडर आदि आधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद कर सकते हैं।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा