जींद, 29 नवंबर (Udaipur Kiran) । गांव धरौदी में पांच माह पहले झगड़े में घायल हुए 50 वर्षीय सुरेश की गुरुवार काे माैत के बाद परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया और शुक्रवार को आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजन सिविल अस्पताल में धरने पर बैठ गए हैं। पुलिस ने इस मामले में 24 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।
गौरतलब है कि गांव धरौदी निवासी रवि कुमार ने सदर थाना नरवाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका पिता सुरेश कुमार पिकअप गाड़ी पर फेरी लगाने का काम करता था। 20 मई 2023 को गांव के ही दीपा के परिवार के लोगों ने घर के सामने आकर जान से मारने की धमकी दी थी। उसके पिता ने इसकी शिकायत एसपी कार्यालय में दी थी लेकिन बाद में पंचायती तौर पर समझौता हो गया। इसके बाद इसी साल छह जुलाई को जब उसका पिता सुरेश कुमार गाड़ी लेकर जा रहा था, तो गांव के बस अड्डे पर आरोपित के परिवार का विक्की व उसके बुआ के लड़के अमित ने मोटरसाइकिल को गाड़ी के आगे खड़ा कर दिया और गाड़ी से खींचकर मार पिटाई का प्रयास किया लेकिन वह किसी तरीके से बचकर घर वापस आ गया और इसकी शिकायत भी सदर थाना पुलिस में दी। इसी बीच में आरोपितों ने उनके घर पर ईंटों से हमला कर दिया।
रवि ने बताया कि 11 जुलाई को उसके भाई रमन के जन्मदिन पर मामा व अन्य जानकार आए हुए थे। जब शाम को उसका पिता सुरेश व मामा सुभाष मंदिर में पूजा करने के लिए जा रहे थे तो आरोपित पक्ष के लोगों ने अचानक ही हमला कर दिया। इसमें उसके पिता सुरेश को गंभीर चोट आईए जबकि मेरे मामा सुभाष को आरोपितों ने घर पर बंधक बना लिया। 14 जुलाई से एक अगस्त तक उसके पिता सुरेश का मेडिकल कालेज अग्रोहा में इलाज चला। बाद में वहां से छुट्टी मिलने के बाद दूसरे अस्पतालों में इलाज चलता रहा। वीरवार सुबह फिर तबीयत बिगड़ गई। जब उसको नागरिक अस्पताल जींद लेकर आए तो चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसने आरोप लगाया कि आरोपित द्वारा हमले के दौरान लगी चोट के चलते मेरे पिता की मौत हुई है।
पुलिस जांच अधिकारी एसआइ कुलदीप ने बताया कि गांव धरौदी निवासी सुभाष, साहिल, रमन, विशाल, विक्की, सुमित, सुशील, मनीष, रोशन, दर्शन, बबली, कुलदीप, अमित, रवि, सोमा, अनिल, प्रियंका, बाला, सलिंद्रो, भीरा, राममेहर, शुभम, सुशील, बिजेंद्र के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। परिजन आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद ही पोस्टमार्टम करवाने की बात कह रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा