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जींद, 20 नवंबर (Udaipur Kiran) । मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मोनिका ने बुधवार को स्थानीय कारागार का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कैदियों, हवालातियों को उनके केसों में आ रही मुश्किलों को सुना व समस्याओं के समाधान संबंधित जानकारी दी। इसके अलावा सीजेएम ने जेल में बंद कैदियों से अपील की कि यदि किसी व्यक्ति को अपने केस की पैरवी करने के लिए वकील की जरूरत है तो वह मुफ्त कानूनी सेवाओं के लिए प्राधिकरण के अधीन वकील की सेवाएं ले सकता है।
इस संबंध में लिखित दरखास्त जेल प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जींद के कार्यालय में भेजनी होती है। महिला जेल बंदियों को समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाने की सलाह दी। उनके रहन-सहन, स्वास्थ्य जांच, कानूनी जागरूकता के विषय में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर जेल के डिप्टी सुप्रिटेंडेंट चीफ एलएनडीसी नंद मोहन शर्मा के अलावा जेल के कर्मचारी उपस्थित थे। इस मौके पर जेल लोक अदालत का आयोजन भी किया गया। इस लोक अदालत में कई मामले विचाराधीन रखे गए, जिसमें एक मामले का निपटारा मौके पर ही किया गया। विचाराधीन कैदी को अंडरगोन कर रिहा करने के आदेश पारित किये गए।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
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