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जींद: सावन माह में दुल्हन की तरह सजे हैं शहर के मंदिर

सावन माह में सजाया गया उचाना कलां का प्राचीन शिव मंदिर।

जींद, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । सावन माह में मनोकामना पूर्ति के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। उचाना कलां के प्राचीन शिव मंदिर को सावन माह में भव्य रूप से सजाया गया है।

शहर के प्राचीन राधा.कृष्ण संकीर्तन मंदिर पुजारी भारतेंदू शास्त्री ने कहा कि शिवत्व अर्थात लोक मंगल की वह विराट भावना जिसमें स्वयं अनेक कष्टों को सहकर भी दूसरों के कष्टों को मिटाने का हर संभव प्रयास किया जाता है। स्वयं खुले आसमान के नीचे जीवन यापन कर रावण को सोने की लंका देने वाले भगवान शिव से श्रेष्ठ इसका कोई उदाहरण नहीं हो सकता है।

भगवान शिव भले ही स्वयं फकीरी में रहे पर वाणासुर और रावण जैसे अनेक भक्तों को उन्होंने अनंत ऐश्वर्य सुख भी प्रदान किए। उन्होंने कहा कि अपने भक्तों की हर उस इच्छा की पूर्ति भगवान महादेव ने की जो भक्तों द्वारा उनसे याचना की गई। जिसके अंदर लोकमंगल का भाव न हो, जिसकी प्रवृत्ति में परोपकार न हो और जिसका मन किसी की पीड़ा को देखकर व्यथित न होता हो वह व्यक्ति शिव.शिव कहने मात्र से कभी भी शिव भक्त नहीं हो सकता। जो हर स्थिति में भक्तों का कल्याण करे वह शिव और जो कल्याण की भावना रखे वही शिव भक्त है। शास्त्री ने कहा कि श्रावण मास अर्थात् भगवान महादेव की आराधना का पावन मास। भगवान महादेव को अतिप्रिय श्रावण मास इस धरती पर भगवान शिव कृपालुए दयालु कोई दूसरा देव नहीं है। जलए दूधए वेलपत्रए प्रणाम मात्र से ही ये प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्रदान कर देते हैं। भगवान महादेव स्वयं अभाव में रहते हुए भी भक्तों के अभावों को हरने वाले हैं।

आशुतोष भगवान महादेव की अल्प आराधना भी रंक को राजा बना देती है। इस पावन श्रावण मास में भगवान महादेव का अर्चन करके अपने जीवन को सफल एवं सार्थक बनाने का सौभाग्य हम सबको अवश्य प्राप्त करना चाहिए। भगवान महादेव से समस्त विश्व के मंगल एवं कल्याण की कामना करते हुए प्राणीमात्र पर आपकी कृपा दृष्टि बनी रहे ऐसी साम्ब सदाशिव प्रभु के श्री चरणों में प्रार्थना करते हैं।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा / SANJEEV SHARMA

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