जींद, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । किसानों को फसल अवशेष नहीं जलाने को लेकर प्रेरित करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी खेतों में पहुंच रहे है। सोमवार को कृषि विभाग एसडीएओ डा. बलजीत लाठर की अगुवाई में कृषि विभाग की टीम विभिन्न गांव के खेतों में पहुंची। लाठर ने कहा कि फसली अवशेषों को आग लगने से किसान के खेत की जमीन उर्वारा शक्ति कम हो रही है। इससे न केवल जमीन में रहने वाले मित्र कीट खत्म हो जाते हैं बल्कि आसपास के क्षेत्र की हवा में घुलने वाला धुआं व्यक्ति की शारीरिक बीमारियों का कारण भी बनता जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आधुनिक कृषि यंत्रों की मदद से किसान न केवल धान की फसल के अवशेषों का प्रबंधन कर सकता है बल्कि अपनी गेहूं की फसल बिजाई के समय होने वाले खर्चे को भी कम कर सकता है। किसान सुपर सीडर की मदद से फसल अवशेषों के प्रबंधन के साथ.साथ गेहूं की बुवाई कर सकता है। इसकी मदद से फसल अवशेष पूरी तरह भूमि में मिल जाते हैं। जिससे फसल की उर्वरा शक्ति में भी इजाफा होता है।
उन्होंने बताया कि सीआरएस योजना में ऑनलाइन पंजीकरण करने पर किसान को एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन के रूप में अनुदान दिया जाता है। फसल अवशेष का प्रबंधन करने के लिए विभाग द्वारा किसानों को अनुदान राशि पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं ताकि सभी किसान फसल अवशेष का उचित प्रबंधन कर सकें। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे फसल अवशेषों को जलाने की बजाए इनका प्रबंधन करें और विभाग की योजनाओं का लाभ उठाएं।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा