रांची, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । झारखंड हाई कोर्ट राज्य के विश्वविद्यालयों में अल्पकालीन शिक्षकों एवं घंटी आधारित शिक्षकों को नियुक्त करने के खिलाफ दायर प्रसिला सोरेन एवं अन्य याचिका की सुनवाई साेमवार काे हुई। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट की एकल पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया। सुनवाई के दौरान उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा सचिव और राज्य के विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार कोर्ट में सशरीर हाजिर हुए।
उच्च शिक्षा सचिव राहुल पुरवार ने कोर्ट को बताया कि विश्वविद्यालयो द्वारा एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर के रोस्टर क्लीयरेंस के लिए भेजे गए आवेदन पर राज्य सरकार की ओर से क्लीयरेंस दे दिया जाएगा। जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल कोर्ट को बताया गया कि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के लिए जो टाइमलाइन कोर्ट द्वारा निर्धारित किया जाएगा, उसे जेपीएससी पूरा करेगा। विश्वविद्यालय द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए भेजी गई अधियाचना के आलोक में करवाई की गई है।
इसे पहले राज्य के विश्वविद्यालयो की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर उनके यहां स्वीकृत पदों के आलोक में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर के रिक्त पदों की जानकारी दी गई। साथ ही उनकी ओर से रिक्तियों को भरने के लिए जेपीएससी को भेजी गई अधियाचना के संबंध में भी जानकारी दी गई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यूनिवर्सिटी के रेगुलेशन के तहत जो विश्वविद्यालय चलते हैं उनमें असिस्टेंट प्रोफेसर प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए कोर्ट एक टाइम लाइन निर्धारित कर सकती है, ताकि जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो सके।
पिछली सुनवाई में कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य के 12 विश्वविद्यालयो के वाइस चांसलर (वीसी), रजिस्ट्रार एवं उच्च शिक्षा सचिव को कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए थे।
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(Udaipur Kiran) / शारदा वन्दना