रांची, 2 नवंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड हाई कोर्ट ने झारखंड के संबंधित नगर निगमों, नोटिफाइड एरिया को प्रतिवादी बनाने का निर्देश याचिकाकर्ताओं को दिया है। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से मांगी गई राहत पूरे झारखंड में स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग विनियमन) अधिनियम, 2014 क़ानून के कार्यान्वयन के लिए है। इसलिए याचिकाकर्ता इस मामले में झारखंड राज्य के भीतर संबंधित नगर निगमों, नोटिफाइड एरिया को प्रतिवादी बनाएं।
झारखंड में फुटपाथ दुकानदारों को हटाने के पूर्व उनका पुनर्वास करने को लेकर नेशनल हॉकर फेडरेशन की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि स्पष्ट है कि रांची नगर निगम द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग विनियमन) अधिनियम, 2014 के प्रावधानों का पर्याप्त अनुपालन किया गया है। अगली सुनवाई 22 जनवरी, 2025 को होगी।
दरअसल, मामले में पूर्व की सुनवाई में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने मौखिक कहा था कि सिर्फ सब्जी विक्रेता एवं फुटपाथ दुकानदारों फुटपाथ से हटाने से काम नहीं चलेगा, उनके लिए रांची नगर निगम रांची शहर में जगह चिन्हित करे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक कहा था कि रांची शहर में जिन-जिन जगहों पर सब्जी विक्रेता बैठते हैं और फुटपाथ दुकानदार अपनी दुकान लगाते हैं, उसे ध्यान में रखते हुए इनके लिए जगह चिह्नित किया जाए। यह भी कहा था कि सिर्फ फुटपाथ और सब्जी विक्रेताओं पर डंडा चलाने से नहीं होगा उन्हें सब्जी बाजार एवं दुकान लगाने के लिए जगह दी जाए। यह उनकी आजीविका का साधन है। सब्जी विक्रेता ग्रामीण इलाकों से आते हैं और अपने उत्पाद को बेचकर चले जाते हैं। ऐसे में उनके उत्पाद के बदले उन्हें समुचित मूल्य मिले इसके लिए रांची नगर निगम को एक जगह निर्धारित करना होगा। रांची नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि रांची में फुटपाथ दुकानदारो एवं सब्जी विक्रेताओं के लिए तीन स्थानों लालपुर-कोकर मार्ग में डीसलरी पुल के निकट, रातु रोड स्थित नागा बाबा खटाल एवं कचहरी रोड स्थित अटल मार्केट बनाए गए हैं।
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(Udaipur Kiran) / शारदा वन्दना