रांची, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । रांची में 23 अगस्त को भारतीय जनता युवा मोर्चा की मोरहाबादी मैदान में रैली के दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिसकर्मियों के साथ झड़प मामले में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, विधानसभा में नेता विपक्ष अमर कुमार बाउरी सहित 18 आरोपितों की ओर से लालपुर थाना में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट में हुई।
मामले में हाई कोर्ट की एकल पीठ ने बाबूलाल मरांडी सहित 18 आरोपियों के खिलाफ लालपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी में पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार से 3 सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट में जिनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई है। इनमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, प्रतिपक्ष नेता अमर कुमार बाउरी, सांसद ढुल्लू महतो, विधायक कुशवाहा शशि भूषण के अलावा भाजपा नेता प्रतुल शाहदेव, शशांक राज, सत्येंद्र नाथ तिवारी, मंगल मूर्ति तिवारी, अर्पना सेनगुप्ता, अमित कुमार, अमरदीप यादव, नीरा यादव, आरती कुजूर, वरुण कुमार, इंदु शेखर मिश्रा, प्रदीप कुमार वर्मा, आदित्य प्रसाद हैं।
मामले में इनके खिलाफ कांड संख्या 203/ 2024 दर्ज किया गया है। लालपुर थाने में 51 नामजद और 12 हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता युवा मोर्चा की आक्रोश रैली में कार्यकर्ताओं ने हेमंत सोरेन सरकार के जरिये किए गए ‘अन्याय’ और चुनावी वादों को पूरा करने में ‘विफलता’ के खिलाफ विरोधी रैली के दौरान बैरिकेड तोड़ दिए थे। पुलिस ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की और रबर की गोलियां चलाईं थी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंका था जिसमें कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।
जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 को लागू किया था। इस प्रदर्शन के बाद मोरहाबादी मैदान के 500 मीटर के दायरे में धारा 144 लगा दी गई थी।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे