
रांची, 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता का कार्यकाल 30 अप्रैल को समाप्त हो जाएगा। उन्हें डीजीपी के पद पर नियुक्ति की तिथि से दो साल तक काम करने का मौका नहीं मिलेगा। यह स्थिति केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार को डीजीपी की नियुक्ति के मामले में भेजे गए पत्र की वजह से पैदा हुई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय को डीजीपी की नियुक्ति के सिलसिले में शिकायतें मिली थीं। इसमें अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद पर नियुक्त करने को गलत करार दिया गया था। इसके लिए पूर्व डीजीपी अजय कुमार सिंह को पद से हटाने के मामले में अपनायी गयी प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के खिलाफ बताया गया था।
केंद्र सरकार ने इन शिकायतों की जांच के बाद पाया कि डीजीपी की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार की ओर से बनाया गया नियम ऑल इंडिया सर्विस रूल के अनुरूप नहीं है। इसलिए वह अपने रिटायरमेंट की पूर्व निर्धारित तिथि पर ही रिटायर हो जायेंगे।
ऑल इंडिया सर्विस रूल के आलोक में उनका कार्यकाल 30 अप्रैल 2025 तक है। इसलिए वह इस तिथि को रिटायर समझे जायेंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य के गृह विभाग की ओर से जनवरी 2025 में कैबिनेट में डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया से संबंधित एक प्रस्ताव पेश किया था।
कैबिनेट की सहमति के बाद इससे संबंधित आदेश जारी किया गया। सरकार की ओर से लागू किये गये इस नियम की धारा 10 में यह कहा गया था कि डीजीपी के पद पर नियुक्ति की तिथि से संबंधित अधिकारी का कार्यकाल दो वर्षों का होगा, भले ही उनकी नियमित सेवानिवृति पहले हो।
दूसरी ओर विधायक सरयू राय ने सोशल मीडिया एक्स पर सोमवार को लिखा है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने डीजीपी अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाकर सेवा विस्तार देने के झारखंड सरकार के निर्णय को ग़लत करार दिया है और पत्र भेजकर सरकार से कहा है कि 30 अप्रैल को डीजीपी की सेवा समाप्त हो जाएगी। अधिकारियों ने यह पत्र विदेश यात्रा पर गए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेज दिया है।
—————
(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
