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झारखंड कोल ब्लॉक मामला : कोयला मंत्रालय के पूर्व अधिकारी बरी, कंपनी और निदेशक दोषी

राउज एवेन्यू कोर्ट

नई दिल्ली, 6 जून (Udaipur Kiran) । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज संजय बंसल ने झारखंड के महुआ गढ़ी कोयला ब्लॉक में कोयला आवंटन मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, तत्कालीन ज्वाइंट सेक्रेटरी केएस क्रोफा, तत्कालीन आवंटन निदेशक केसी समारिया को बरी कर दिया है। कोर्ट ने मेसर्स जास इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड (जेआईसीपीएल) और उसके निदेशक मनोज कुमार जायसवाल को दोषी करार दिया। मामला झारखंड के महागुड़ी कोयला ब्लॉक में जेआईसीपीएल को कोयला ब्लाक आवंटन का था।

9 दिसंबर, 2024 को कोर्ट ने झारखंड के बृंदा, सिसई और मेराल में अभिजीत इंफ्रास्ट्रक्टर को कोयला ब्लॉक आवंटन के मामले में कंपनी अभिजीत इंफ्रास्ट्रक्चर, इसके मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज कुमार जायसवाल और पूर्व डायरेक्टर रमेश कुमार जायसवाल को दोषी ठहराया था।

जेआईसीपीएल पर आरोप था कि उसने हेराफेरी और फर्जीवाड़ा कर कोयला ब्लॉक का आवंटन हासिल किया। इस मामले में कोयला विभाग के तीनों अधिकारियों पर आरोप था कि उन्होंने लोकहित की अनदेखी कर जेआईसीपीएल को राष्ट्रीयकृत प्राकृतिक संसाधन का दोहन करने की अनुमति दी।

इस मामले में कोर्ट ने दिसंबर, 2016 में आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 468 और 120बी के अलावा भ्रष्टाचार निरोधक कानून की संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे। अप्रैल, 2024 में सीबीआई ने इस मामले में प्रारंभिक क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी और कहा कि आरोपितों के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। बाद में सीबीआई ने 14 अक्टूबर, 2024 को विस्तृत क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। 20 नवंबर, 2024 को कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए आरोपितों के खिलाफ संज्ञान लिया था।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी

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