झज्जर, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । वैश्य आर्य शिक्षण महिला महाविद्यालय में शिक्षण के साथ करुणा: तनाव प्रबंधन और छात्रों का समर्थन पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। बुधवार को हुए इस कार्यक्रम में उपस्थित भावी अध्यापिकाओं और शिक्षकों को संबोधित करते हुए मनाेवैज्ञानिक डॉक्टर कार्तिका ने कहा कि अध्यापकों ने केवल शिक्षक बोल के मार्गदर्शन और समर्थक भी होना चाहिए।
मुख्य वक्ता डॉ. कार्तिका शर्मा कहां हो भाई व्याख्यान छात्राओं और शिक्षिकाओं ने तंमयता से सुना। उन्होंने महाविद्यालय की भावी अध्यापिकाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षण एक ऐसा पेशा है जिसमें हम न केवल ज्ञान का हस्तांतरण करते हैं बल्कि हम छात्रों के जीवन को भी प्रभावित करते हैं। आज के समय में, छात्रों को कई तरह के तनाव का सामना करना पड़ता है, जैसे कि पाठ्यक्रम का दबाव, प्रतिस्पर्धा, और व्यक्तिगत समस्याएं। ऐसे में शिक्षकों की भूमिका न केवल शिक्षक के रूप में होती है, बल्कि एक मार्गदर्शक और समर्थक के रूप में भी होती है।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. आशा शर्मा ने कहा कि शिक्षण का अर्थ है कि हम छात्रों के प्रति सहानुभूति और समझ का भाव रखें। हमें छात्रों की भावनाओं को समझने की कोशिश करनी चाहिए और उन्हें समर्थन प्रदान करना चाहिए। यह शिक्षक और छात्र के बीच एक सकारात्मक संबंध बनाने में मदद करता है। डॉ. कार्तिका शर्मा के विस्तार व्याख्यान का आयोजन महाविद्यालय की आईक्यूऐसी सैल, विस्तार व्याख्यान, एनएसएस और वाईआरसी इकाई द्वारा किया गया।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज