Haryana

झज्जर : शिल्प प्रेमियों ने अगले साल फिर आने का वादा लेकर दी देशभर के शिल्पियों को विदाई

मेले के समापन समारोह में श्री जय नारायण बोंदवाल सम्मान ग्रहण करने के बाद मंच पर मौजूद लघु चित्रकारी के विख्यात कलाकार हनुमान सैनी और उनकी शिक्षा ट्विंकल।

झज्जर, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । बहादुरगढ़ के सेक्टर-6 में 20 अक्टूबर से शुरू हुआ नाबार्ड द्वारा आयोजित राष्ट्रीय हस्तशिल्प एवं सांस्कृतिक उत्सव-2024 बुधवार को शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं शिल्पकार संबंध समारोह के साथ संपन्न हो गया। देशभर के विभिन्न राज्यों से आए शिल्पियों की कला से प्रसन्न बहादुरगढ़ इलाके के शिल्प प्रेमियों ने सिद्धहस्त शिल्पियों से दोबारा बहादुरगढ़ आने का वायदा लिया और प्रेम पूर्वक विदाई दी।

हस्तशिल्प मेले के समापन समारोह में कई सिद्धहस्त शिल्पियों को सम्मानित किया गया। श्री जय नारायण बोंदवाल गुरु- शिष्य सम्मान-2024 लघु चित्रकारी के लिए राजस्थान के नेशनल अवॉर्डी गुरु हनुमान सैनी और उनकी शिष्या बहादुरगढ़ निवासी ट्विंकल को प्रदान किया गया।

प्राचीन कारीगर संगठन बहादुरगढ़ और और एंड अर्बन डेवलपमेंट फाउंडेशन ने नाबार्ड के सहयोग से इस मेले का आयोजन किया। मेले का उद्देश्य भारतीय हस्तशिल्प एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करना रहा।

मेले में नाबार्ड चंडीगढ़ द्वारा अंतरराष्ट्रीय शिल्पकारों को विशेष रूप से उज़्बेकिस्तान से आमंत्रित किया था। साथ ही भारत के विभिन्न राज्यों के राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार विजेता कलाकारों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया। नाबार्ड की सीजीएम निवेदिता तिवारी ने कार्यक्रम में मौजूद शिल्पियों और दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से लघु उद्योगों को बढ़ावा मिलता है और यह प्रयास निरंतर जारी रहना चाहिए। भारत के विभिन्न राज्यों से 20 कृषक उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूह होने ने इस मेले में भाग लिया। मेले में कुल 90 शिल्पकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का उत्साहपूर्वक प्रदर्शन किया गया। नाबार्ड समर्थित इस हस्तशिल्प मेले में शिल्पियों और स्वयं सहायता समूह की अच्छी खासी बिक्री हुई।

प्राचीण कारीगर एसोसीएशन के अध्यक्ष, राजेंद्र प्रसाद बोंदवाल ने समस्त बहादुरगढ़ निवासियों की ओर से नाबार्ड व उसके सभी अधिकारियों का धन्यवाद किया, और भविष्य में भी इसी तरह के हस्तशिल्प एवं सांस्कृतिक मेलों के आयोजन की इच्छा व्यक्त की। राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त काष्ठ शिल्पी चंद्रकांत बोंदवाल और प्रसिद्ध शिल्पकार सूर्यकांत व नीरज भी इस मौके पर मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज

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