Madhya Pradesh

झाबुआः श्रीमद्भागवत सप्ताह गुरुवार से, आज माहात्म्य और अंतिम दिन होगा श्रीमद्भगवद्गीता का वाचन

झाबुआ, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिला मुख्यालय सहित विभिन्न जनपदीय क्षेत्रों के करीब दो दर्जन स्थानों पर भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष नवमी तिथि तदनुसार गुरुवार 12 सितम्बर से श्रीमद्भागवत कथा का समारोह पूर्वक आरम्भ होगा। कथा भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा, बुधवार 18 सितंबर को विश्रांति ग्रहण करेगी और 19 सितम्बर को श्री मद्भगवद्गीता के अठारह अध्यायों का पाठ किया जाएगा। भागवत सप्ताह के दौरान सात दिनों तक अनवरत रूप से भगवान् श्री कृष्ण के दिव्यतम एवं असीम चरित्र का गुणगान किया जाएगा। जिले के विभिन्न स्थानों में कथा के आयोजन को लेकर व्यापक रूप से तैयारियां की गई है। श्रीमद्भागवत कथा के पूर्व परम्परागत रूप से कथा का माहात्म्य वाचन आज किया जाएगा। कथा विश्रांति के बाद दूसरे दिन परंपरागत रूप से यज्ञादि क्रियाएं अथवा श्रीमद्भगवद्गीता के अठारह अध्यायों का पाठ किया जाता है। इस तरह भागवत सप्ताह परम्परागत रूप से वस्तुत: नव दिवसीय आयोजन होता है।

जिला मुख्यालय स्थित श्री गोवर्धन नाथ की हवेली मंदिर, श्री शिव महादेव मंदिर, मेघनगर के श्री शंकर मंदिर, पेटलावद के श्री हरि विष्णु मंदिर, रानापुर नगर के ‌श्री नरसिंह मंदिर, श्री शंकर मंदिर एवं थांदला नगर के अति प्राचीन श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर, श्री बांके बिहारी मंदिर, एवं नर नारायण मंदिर शांति आश्रम सहित विभिन्न नगरीय एवं ग्रामीण इलाकों में 12 सितम्बर से श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का एक साथ आगाज होगा।

भागवत कथा भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि अर्थात 18 सितंबर को विश्रांति ग्रहण करेंगी। कथा के प्रथम दिवस पर परम्परागत रूप से श्रीमद्भागवत कथा के माहात्म्य का वाचन किया जाता है, जबकि कथा विश्रांति के बाद अर्थात दूसरे दिन यज्ञ हवनादि अथवा भगवान् विष्णु के श्रीविग्रह का अभिषेक सम्पन्न किए जाने का उल्लेख हमारे धर्म शास्त्रों में वर्णित किया गया है। जिले में भी कुछ स्थानों पर भगवान् श्री विष्णु के श्रीविग्रह का पुरूसूक्त के सौलह आवर्तन से अभिषेक किया जाता है। जबकि कुछ अन्य स्थानों पर श्री मद्भागवत के मंत्रों से यज्ञ में आहुतियां दी जाती है। इस वर्ष 11 सितम्बर को कथा का माहात्म्य वर्णन किया जाएगा, जबकि 19 सितंबर को सभी स्थानों पर विद्वान कर्मकांडी ब्राह्मणों द्वारा यज्ञ, हवनादि सम्पन्न किए जाएंगे। तथा हवन या अभिषेक के बाद इसी दिन श्रीमद्भगवद्गीता के अठारह अध्याय का पाठ किया जाएगा ‌ इस तरह सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा वस्तुत: नौ दिवसीय आयोजन होता है। जिले के थान्दला स्थित अतिप्राचीन श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में श्रीमद्भागवत भक्ति पर्व के रूप में नव दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह का आयोजन किया जाता है। इस स्थान पर विगत करीब 100 वर्षों से अनवरत रूप से समारोह पूर्वक हर वर्ष कथा का आयोजन होता आ रहा है।

—————

(Udaipur Kiran) / उमेश चंद्र शर्मा

Most Popular

To Top