श्रीनगर 07 नवंबर (Udaipur Kiran) । जल शक्ति, वन और जनजातीय मामलों के मंत्री जावेद अहमद राणा ने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक में वाल्टेंगू बर्फीले तूफान पीड़ितों के पुनर्वास का जायजा लिया। मंत्री ने उनके शीघ्र समाधान के लिए आदिवासी आबादी से संबंधित कई मुद्दों पर भी चर्चा की।
बैठक में मुख्य सचिव अटल डुल्लू, प्रमुख सचिव गृह/डीएमआरआरएंडआर चंद्राकर भारती, कुलगाम के उपायुक्त अतहर आमिर के अलावा अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे। मंत्री ने इस अवसर पर वर्ष 2005 में जिला कुलगाम के वाल्टेंगू में बर्फीले तूफान से प्रभावित उन लोगों की दुर्दशा को उजागर किया जिनका अभी तक सरकार द्वारा पुनर्वास नहीं किया गया है।
उन्होंने प्रशासन पर इन परिवारों के लिए एक मॉडल कॉलोनी स्थापित करके उनके पुनर्वास के लिए प्रयास करने के लिए दबाव डाला जिसमें स्कूल, अस्पताल, बेहतर सड़कें और निवासियों के लिए अन्य उपयोगी सुविधाओं जैसी सभी संबद्ध सुविधाएं शामिल हों।
मंत्री ने कहा कि इस समुदाय का कल्याण प्राथमिकता होनी चाहिए और बदलते समय की मांग के अनुसार उनकी जीवनशैली को सुविधाजनक बनाने के लिए उन्हें सर्वोत्तम प्रावधान उपलब्ध कराना इस सरकार के एजेंडे में भी है। उन्होंने इस लंबित मानवीय मुद्दे की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता से हल करने पर जोर दिया। उन्होंने उन्हें प्रोत्साहित किया कि जनजातीय कार्य विभाग उनके लिए बेहतर जीवन बसाने के लिए आजीविका के अवसर पैदा करने के लिए भी कदम उठाएगा।
मुख्य सचिव ने मंत्री को आश्वासन दिया कि आदिवासी कल्याण परियोजनाओं को शुरू करने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार परिवारों के सम्मानजनक तरीके से पुनर्वास के लिए हर कदम उठाने जा रही है।
उन्होंने जिला प्रशासन को अधूरे छोड़े गए अपार्टमेंट ब्लॉकों के शेष कार्य को शुरू करने के लिए एक प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने उन्हें नया प्रस्ताव तैयार करने से पहले जमीनी स्तर पर जरूरतों का पता लगाने की सलाह दी।
उन्होंने बताया कि 120 प्रभावित परिवारों में से 70 का पुनर्वास पहले ही कर दिया गया है और शेष 44 परिवारों के लिए 3 अपार्टमेंट ब्लॉकों पर काम 80 प्रतिषत तक पूरा हो चुका है और इसे आवश्यक प्रशासनिक अनुमोदन और तकनीकी मंजूरी के रूप में जिला पूंजीगत व्यय के तहत लिया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी