जम्मू 06 फरवरी (Udaipur Kiran) । कृषि उत्पादन और ग्रामीण विकास विभाग मंत्री जावेद अहमद डार ने निदेशालय कार्यालय में कृषि विभाग के कामकाज के संबंध में एक व्यापक समीक्षा बैठक की। मंत्री ने जम्मू के सभी जिलों में कृषि पहलों की प्रगति का आकलन किया और इस क्षेत्र में नवाचार, किसान समर्थन और सतत विकास की आवश्यकता पर जोर दिया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने विशेष रूप से सुगंधित और औषधीय महत्व वाली फसलों की खेती की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों के लिए नए अवसर तलाशने के लिए वन और आयुष विभागों के बीच अधिक सहयोग का आह्वान किया।
मंत्री ने अन्य किसानों के प्रोत्साहन के लिए प्रगतिशील कृषि पद्धतियों को उजागर करने पर जोर दिया। मंत्री ने जोर देकर कहा हमें अपनी सफलता की कहानियों को प्रदर्शित करने की जरूरत है चाहे वह उच्च तकनीक वाली खेती हो या प्रगतिशील तकनीक ताकि अधिक से अधिक किसान आधुनिक प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित हों।
उन्होंने अधिकारियों से नियमित क्षेत्र का दौरा करने, किसानों से सीधे जुड़ने और उन्हें टिकाऊ कृषि तरीकों के बारे में मार्गदर्शन करने को कहा। उन्होंने सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के महत्व पर भी जोर दिया कि वे हर किसान तक उनके दरवाजे तक पहुंचें।
जावेद डार ने उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि मशीनरी, बोरवेल और पॉली हाउसिंग सुविधाओं के त्वरित वितरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कर्मचारियों की कमी के बावजूद मैं देखता हूं कि कृषि विभाग सराहनीय काम कर रहा है। उन्होंने अधिकारियों और क्षेत्रीय पदाधिकारियों को जमीनी स्तर पर किसानों को सशक्त बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया।
मंत्री ने समग्र कृषि विकास कार्यक्रम के तहत उपज बढ़ाने वाले संसाधनों तक किसानों की पहुंच बढ़ाने के अलावा सिंचाई के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, गुणवत्तापूर्ण पौधों और रोपण सामग्री के समय पर वितरण की भी समीक्षा की।
जावेद डार ने कठुआ में विशेष रूप से मशरूम की खेती, वर्मीकम्पोसिं्टग और बाजरा रेस्तरां की स्थापना में किए गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की जिसने एचएडीपी के तहत महिला किसानों को सशक्त बनाया है।
उन्होंने कहा मैं चाहता हूं कि इस कठुआ मॉडल को अन्य जिलों में भी दोहराया जाए। किसानों को बेहतर आर्थिक संभावनाओं के लिए कृषि में बदलाव के लिए उच्च तकनीक वाली खेती, विदेशी सब्जियां, जैविक तरीकों और अन्य उच्च उपज प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कृषि आर्थिक स्थिरता की कुंजी है और इस क्षेत्र को अधिक लाभदायक और लचीला बनाने के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान किया। इससे पहले कृषि निदेशक जम्मू, ए.एस. रीन ने विभाग की उपलब्धियों और चुनौतियों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने सिंचाई विकास, जैविक खेती, मधुमक्खी पालन, मशरूम की खेती और विदेशी सब्जी उत्पादन के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
बैठक में संयुक्त निदेशक विस्तार सतीश शर्मा, मुख्य कृषि अधिकारी तथा अन्य सम्बंधित वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी
