





जौनपुर, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । शाहगंज तहसील में हर साल लगने वाले ऐतिहासिक चूड़ी मेला का सोमवार देर रात समापन हो गया। लगभग हफ्ते भर चलने वाले इस मेले में दूर-दूर से आए दुकानदारों ने करोड़ों का व्यापार किया। मेले में पुरुषों के प्रवेश की मनाही है। माता सीता के श्रृंगार जाते समय के जुड़ी मान्यताएं इस मेले को ऐतिहासिक बनाती हैं।
ऐतिहासिक चूड़ी मेला को लेकर मान्यता है कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम जब सीता के साथ अयोध्या लौटे तो जनकदुलारी सीता ने अपनी सहेलियों के साथ श्रृंगार हाट पहुंचकर खरीदारी की थी। इसी मान्यता के मद्देनजर अयोध्या रूपी शाहगंज में दशहरा और दीपावली के बीच श्रीरामलीला समिति व चूड़ी मोहल्ला वासियों के सहयोग से यह मेला आयोजित होता है।
बता दें कि, इस स्थल से अयोध्या जनपद की सीमा करीब 60 किमी पड़ती है, जबकि अयोध्या शहर 100 किमी की दूरी पर है। मेला महिलाओं के लिए शुभ का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इसमें महिलाएं खरीदारी के लिए जरूर जाती हैं। चूड़ी मेले की लोकप्रियता का आलम यह है कि दूर दराज ब्याही गई नगर की बेटियां खास इस मेले का आनंद लेने और खरीददारी करने के लिए मायके आती हैं।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
