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जननायक कर्पूरी ठाकुर सामाजिक न्याय के मसीहा  थे : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति धनखड़ कर्पूरी ठाकुर के 101 वीं जयंती पर सम्बोधन के दौरान

पटना/समस्तीपुर, 24 जनवरी (Udaipur Kiran) । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती के मौके पर आज उनके पैतृक गांव पितोझिया (कर्पूरी ग्राम) में राजकीय कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ‘सामाजिक न्याय के मसीहा’ थे। उन्होंने अपना सारा जीवन गरीबों और वंचितों की मदद के लिए किया।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर एक सच्चे राजनेता थे और उन्होंने बिहार के राजनीतिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। कर्पूरी ठाकुर हमेशा समानता, बंधुत्व और सभी के लिए न्याय में विश्वास की वकालत करते थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने सुनिश्चित किया कि शिक्षा उन लोगों के लिए सुलभ हो जो ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर हैं।

उपराष्ट्रपति ने पहले की सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जैसे राजनेताओं को उनका हक देने में विफल रही। मुझे याद है कि जब कर्पूरी ठाकुर और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की गई थी, तब राज्यसभा में कितना उत्साह था। मेरे मन में एक विचार आया, यह सम्मान ठाकुर की मृत्यु के 36 साल बाद मिला, ऐसा पहले क्यों नहीं हुआ ? अब निश्चित रूप से बदलाव आया है। हमारे नायकों (आदर्श) को गुमनामी से बाहर निकाला जा रहा है और उन्हें उनका हक दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में विकास के साथ लोगों की आकांक्षा भी बढ़ी-

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि बीते एक दशक में केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के नेतृत्व में देश में ‘अद्वितीय’ विकास हुआ है। इसकी वजह से देश की जनता की आंकक्षा भी बढ़ी है।

धनखड़ ने कहा कि बीते 10 वर्षों में देश पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया हैं। अब आगामी पांच वर्षों में हम देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेंगे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत कोई सपना नहीं है, देश की स्वतंत्रता की 100 वीं वर्षगांठ यानी-2047 तक यह साकार होकर रहेगा। भारत विश्व गुरु बनेगा।

धनखड़ ने प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसी योजनाएं शुरू कीं, जिनसे आम लोगों को गैस कनेक्शन, बिजली और शौचालय उपलब्ध कराकर उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है जो आज तक इससे वचिंत थे। लोगों ने अब विकास का स्वाद चख लिया है। उनकी आकांक्षाएं आसमान छू रही हैं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया, सरकारी नौकरियों के बारे में सोचकर खुद को सीमित न रखें। आज की सरकार की नीतियां आपकी असीमित क्षमता का दोहन करने के लिए हैं। ऐसे अवसरों का पूरा लाभ उठाएं।

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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी

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