कोरबा/जांजगीर, 29 अगस्त (Udaipur Kiran) । विवेक शुक्ला (आईपीएस) पुलिस अधीक्षक जांजगीर चांपा के निर्देशन में एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जांजगीर राजेन्द्र कुमार जायसवाल के कुशल मार्गदर्शन में आज गुरुवार को थाना चांपा में एसडीओपी चांपा यदुमणि सिदर एवं निरीक्षक डॉ नरेश पटेल थाना प्रभारी चांपा द्वारा थाना चांपा क्षेत्र के पुजारियों एवं वरिष्ठ जनों की शांति समिति की बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक के दौरान मंदिरों के पुजारी को चोरी की रोकथाम के संबंध में बिंदुवार आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। मंदिरों में दान पेटी, सोने -चाँदी के जेवर और अन्य कीमती वस्तुओं की चोरी को रोकने के लिए कई सुरक्षा उपाय अपनाए जा सकते हैं। यह उपाय मंदिर की सुरक्षा को मजबूत करते हुए चोरी की घटनाओं को कम करने में मदद कर सकते हैं।
मंदिर परिसर, प्रवेश और निकास द्वार, और दान पेटी के पास उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। कैमरों को 24/7 मॉनिटर किया जाना चाहिए और रिकॉर्डिंग को नियमित रूप से जांचा और सुरक्षित रखा जाना चाहिए। प्रशिक्षित सुरक्षा गार्डों की नियुक्ति की जाए, जो मंदिर परिसर में नियमित गश्त करें। मुख्य प्रवेश द्वार और दान पेटी के पास सुरक्षा गार्ड्स को तैनात किया जाए। मंदिर के संवेदनशील क्षेत्रों में मोशन सेंसर अलार्म लगाए जाएं, जो किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत आवाज़ करें। दान पेटी या अन्य कीमती वस्तुओं के पास आपातकालीन अलार्म बटन हो, जिसे संदिग्ध गतिविधि की स्थिति में तुरंत दबाया जा सके। कड़ी सुरक्षा वाले ताले: दान पेटी और मंदिर के कीमती वस्त्रों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले, कठिन ताले लगाए जाएं। दान पेटी को मजबूत धातु से बनाया जाए और इसे फर्श या दीवार से मजबूती से जोड़ा जाए। प्रवेश की सीमाएं: मंदिर परिसर में प्रवेश करने वालों की संख्या और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीमा निर्धारित करें। प्रमुख धार्मिक आयोजनों के दौरान आगंतुकों की आईडी चेक की जा सकती है, ताकि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
प्रमुख धार्मिक आयोजनों या विशिष्ट समय पर आने वाले आगंतुकों का पंजीकरण किया जा सकता है, जिससे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की पहचान हो सके। स्थानीय पुलिस स्टेशन के साथ नियमित संपर्क बनाए रखें, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत दी जा सके। विशेष अवसरों पर पुलिस गश्त की व्यवस्था की जाए। मंदिर के आगंतुकों को सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देश बताए जाएं, जैसे कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करना। मंदिर के कर्मचारियों के लिए नियमित सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित किए जाएं। दान पेटी को नियमित रूप से, खासकर विशेष आयोजनों के बाद, खाली किया जाए और इसे सुरक्षित स्थान पर रखा जाए। इन सभी सुरक्षा उपायों का संयोजन मंदिरों में चोरी की घटनाओं को रोकने में प्रभावी साबित हो सकता है।
(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी
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(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी