
रामबन, 21 अप्रैल (Udaipur Kiran) । भूस्खलन से प्रभावित जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सोमवार को दूसरे दिन भी बंद रहा एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 20 स्थानों पर चल रहे सड़क सफाई अभियान में लगभग छह दिन लगने की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में भारी बारिश और बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ भूस्खलन और भूस्खलन के बाद रविवार को कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क पर सैकड़ों वाहन फंस गए।
प्राकृतिक आपदा के कारण सड़कों और आवासीय भवनों सहित बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है जिसमें दो नाबालिग भाई-बहनों सहित तीन लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोगों को बचाया गया। मलबे के नीचे कई वाहन भी दब गए। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के परियोजना निदेशक पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि राजमार्ग पर एक दर्जन से अधिक स्थानों पर विशेष रूप से सेरी और मरूग के बीच चार किलोमीटर के हिस्से में भारी मात्रा में कीचड़ जमा होने के कारण हम चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहे हैं। कुछ स्थानों पर कीचड़ की ऊंचाई 20 फीट से अधिक है। उन्होंने कहा कि एजेंसी की प्रमुख मशीनरी जिसमें अर्थ मूवर्स भी शामिल हैं मलबे के नीचे दबी हुई हैं। उन्होंने दो दिनों की भारी बारिश के बाद मौसम की स्थिति में सुधार पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे पास सीमित संसाधन होने के बावजूद हमने निजी ठेकेदारों से मशीनरी की व्यवस्था की है और उन्हें बहाली के काम में तेजी लाने के लिए एक साथ 20 प्रभावित स्थानों पर तैनात किया है। हालांकि कुमार ने कहा कि राजमार्ग को यातायात के लिए फिर से खोलने में पांच से छह दिन लगने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पंथियाल और केला मोड़ के पास राजमार्ग को भारी नुकसान पहुंचा है। इस बीच दो नवविवाहित जोड़ों सहित फंसे हुए यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए पैदल चलते देखा गया।
(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता
